बरसात ने कांगड़ा में मचाई तबाही

Update: 2023-08-15 11:11 GMT
धर्मशाला: लगातार हो रही बारिश ने कांगड़ा जिलामें तवाही मचा दी है। जिला में तीन लोगों की मौत हो गई है और करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों के घर ही जमींदोज हो गए हैं। अलग-अलग स्थानों से करीब चार दर्जन से अधिक लोगों को रेस्कयू कर बचाया गया है। नेटवर्क न होने के चलते लोग एक दूसरे से संपर्क भी नहीं कर पा रहे थे। जिला कांगड़ा में पिछले 24 घंटों में सर्वाधिक 273 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने बताया कि बाथू पुल के पास हुए भू-स्खलन से उना के प्रवीण कुमार नामक जीप चालक की मृत्यु हुई तथा फतेहपुर की ठेहड़ पंचायत में पानी के तेज बहाव में बह जाने से एक 11 वर्षीय बालक का देहावसान हो गया। उन्होंने बताया कि बारिश के चलते जिले में 43 कच्चे और पांच पक्के मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि वहीं 59 कच्चे और 10 पक्के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इसके अलावा 78 गोशालाएं और एक दुकान भी क्षतिग्रस्त हुई है। इस दौरान तीन मवेशियों की जान भी गई है। डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में कल शाम से हुई भारी बारिश में कुल 172 सडक़े अवरुद्ध हुईं थी, जिनमें से 111 को बहाल कर दिया गया है। जिले में जलशक्ति विभाग की कुल 660 सकीमों में से 287 भारी बरसात के चलते प्रभावित हो गई थीं, जिनमें से 155 को रिस्टोर कर दिया गया है। उपायुक्त ने बताया कि जिले में भारी बारिश के चलते बिजली बोर्ड के कुल दो हजार ट्रांस्फॉर्मर क्षतिग्रस्त हुए थे। उन्होंने बताया कि इनमें से 1300 के लगभग ठीक कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि शेष 703 को भी पुन: संचालित करने के लिए बिजली बोर्ड के कर्मी कार्यरत हैं।
काठगढ़ में एनडीआरएफ की टीम तैनात
डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि ब्यास बेसिन में अत्याधिक बारिश का रेड अलर्ट होने के चलते अगले 24 घंटों में पंडोह और पौंग डैम से पानी छोड़ा जा सकता है। इस दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम को पहले से ही इंदौरा के काठगड़ मंदिर में तैनात कर दिया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि ब्यास और पौंग के बहाव क्षेत्र से दूर रहे।
इन क्षेत्रों में स्थापित किए रिलीफ कैंप
डीसी कांगड़ा ने बताया कि बारिश और आपदा की स्थिति को दुखते हुए जिले में विभिन्न स्थानों पर प्रभावितों के लिए रिलीफ कैंप प्रशासन द्वारा स्थापित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नूरपुर के लदोरी, मिंज ग्रां में दो स्थानों पर राहत शिविर लगाए गए हैं। इंदौरा के माला, बेला इंदौरा और बड़ूखर में, धीरा के पनापर, बचवाल और गरदेहड़ में, जयसिंहपुर के कुड़ाना, देहरु और कोसरी में, ज्वालामुखी के अधवानी और खुंडियां तथा जवाली के भरमाड़, चचियां, अनूही तथा धार कोटला में राहत शिविर लगाए गए हैं।
दो सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन पर काम
उपायुक्त डा. निपुण जिंदल ने बताया कि जिले में एनडीआरएफ की मदद से अधवानी और मंड में दो सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ब्यास का जलस्तर बढऩे से ज्वालामुखी के अधवानी में एक स्टोन क्रशर में 70 लोगों के फंसने की जानकारी प्राप्त हुई थी। उन्होंने बताया कि शाम छह बजे तक लगभग 40 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है, जबकि बाकियों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है। उपायुक्त ने बताया कि इंदौरा के मंड क्षेत्र में भी लोगों के फंसने की सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि वहां चल रहे सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी तक 9 लोगों को एनडीआरएफ की मदद से सुरक्षित बाहर निकाल दिया गया है। उन्होंने बताया कि दोनों क्षेत्रों में अंतिम फंसे व्यक्ति को निकालने तक बचाव कार्य चलता रहेगा।
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