नाहन। स्वास्थ्य के क्षेत्र में सिरमौर जिला के लिए अच्छी खबर है। एमबीबीएस के बाद अब डाॅ. वाईएस परमार मेडिकल काॅलेज एवं अस्पताल नाहन में पोस्ट ग्रैजुएशन (पीजी) की भी कक्षाएं जून-जुलाई माह से शुरू हो जाएंगी। कम्युनिटी मैडीसन में 3 सीटों पर इसी सत्र से यह कक्षाएं शुरू करने को लेकर मेडिकल काॅलेज प्रबंधन को मंजूरी पत्र मिल गया है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की तरफ से यह मंजूरी पत्र 20 अप्रैल को जारी किया गया है। एमबीबीएस के बाद पीजी की कक्षाओं की मंजूरी मिलना काॅलेज प्रबंधन के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। दरअसल पीजी की कक्षाओं के लिए मेडिकल काॅलेज प्रबंधन पिछले करीब एक वर्ष से प्रयास कर रहा था। बताया जा रहा है कि जनवरी माह में भी एनएमसी की टीम ने यहां का दौरा किया था। टीम ने यहां पहुंचकर मेडिकल काॅलेज प्रबंधन से पीजी के लिए उपलब्ध सुविधाओं सहित स्टाफ इत्यादि को लेकर पूरी रिपोर्ट प्राप्त की। कुछेक कमियां पाई गई थीं, जिसे प्रबंधन ने दुरुस्त किया। इसके आधार पर अब प्रबंधन को मंजूरी पत्र जारी किया गया है। मई-जून में काऊंसलिंग के बाद जून-जुलाई माह में इसी सत्र से यहां पीजी की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी।
ऐसे में अब एमडी कम्युनिटी मैडीसन की पढ़ाई करने वाले डाक्टरों को यहां दाखिला मिल सकेगा। मेडिकल काॅलेज प्रबंधन के अनुसार ऑल इंडिया स्तर की पीजी नीट परीक्षा के माध्यम से ही भावी एमडी डॉक्टर का सिलैक्शन होता है। किसी भी प्रांत का शख्स पीजी के लिए अप्लाई कर सकता है। जो भी यह परीक्षा क्वालीफाई करेगा, वह मेडिकल काॅलेज में पीजी के लिए भी आवेदन कर सकता है, ऐसे में देश के विभिन्न प्रांतों से यहां भावी एमडी डाॅक्टर पहुंचेंगे, जो यहां कम्युनिटी मैडीसन डिपार्टमैंट में पीजी की शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ रिसर्च आदि भी करेंगे। मेडिकल काॅलेज नाहन के प्रिंसीपल डाॅ. श्याम कौशिक ने बताया कि कम्युनिटी मैडीसन डिपार्टमैंट में 3 सीटों पर इसी सत्र से पीजी की कक्षाएं शुरू करने को लेकर गत वीरवार को प्रबंधन को मंजूरी पत्र मिला है। यह काॅलेज के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। जून-जुलाई माह से यहां पीजी की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इसके लिए पिछले करीब एक साल से प्रयास किए जा रहे थे। एचओडी कम्युनिटी मैडीसन डिपार्टमैंट डाॅ. रेणु चौहान ने बताया कि पहले काॅलेज में कम्युनिटी मैडीसन में ही पीजी की कक्षाएं शुरू करने को लेकर एनएमसी की तरफ से मंजूरी मिली है। अब यहां मैडीसन डिपार्टमैंट में शोध व रिसर्च आदि भी हो सकेगी। इससे न केवल मेडिकल काॅलेज बल्कि सिरमौर सहित हिमाचल को भी लाभ मिलेगा।