पहाड़ी पर बादल फटने की आवाज सुनते ही ग्रामीणों ने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचकर अपनी जान बचाई।
प्रदेश में भारी बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। वीरवार को कुल्लू जिले के निरमंड विकास खंड की बागा सराहन पंचायत और चौपाल के रेवलपुल में बादल फटने से भारी तबाही मची है। इसमें कई परिवार बेघर हो गए हैं तो वहीं सड़क अवरुद्ध होने से हजारों पेटी सेब फंस गया है। दोनों क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी बारिश से क्षेत्र के लोग बुरी तरह से सहमे हुए हैं। पहली घटना बागासराहन के के चनाईगाड़ की है, जहां सुबह करीब 5:00 बजे बादल फट गया।
इससे गांव के साथ लगते नाले में आई बाढ़ के बाद भारी मात्रा में मलबा और पत्थर आने से करीब 11 घरों को नुकसान पहुंचा है। घटना के समय लोगों ने पहाड़ी पर बादल फटने की आवाज सुनते ही ग्रामीणों ने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचकर अपनी जान बचाई। गनीमत रही कि मलबा और पानी गांव तक पहुंचने से पहले लोग निकलने में कामयाब हो पाए। इस घटना में गांव के 22 परिवार बेघर हो गए हैं। इसमें 13 लोगों के पास दूसरे मकान है जबकि जबकि नौ परिवारों को पंचायत के सामुदायिक भवन और दूसरे लोगों के घरों में शरण लेनी पड़ी है।
बागा सराहन पंचायत के प्रधान प्रेम ठाकुर ने बताया कि बादल फटने के बाद आई बाढ़ के कारण बागीपुल के समीप बागा सराहन गांव के लोगों के खेतों में भारी मात्रा में मलबा घुस गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार और प्रशासन से प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा देने और राहत कार्यों में तेजी लाने की अपील की है। वीरवार दोपहर बाद एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह टीम सहित मौके के लिए रवाना हो गए हैं। इस घटना में करीब 80 लाख रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को खाद्य सामग्री और अन्य सामान वितरित किया है।
थली गांव का संपर्क कटा, खौफ में ग्रामीण
रेवल पुल में बादल फटने के बाद क्षेत्र के नदी-नाले उफान पर है। वहीं थली गांव के लिए जाने वाला मुख्य मार्ग अवरुद्ध होने से गांव का संपर्क जिला मुख्यालय से पूरी तरह से कट गया है। इससे क्षेत्र के बागवानों की हजारों पेटी सेब फंस गया है। इससे लोगों को अपनी साल भर की मेहनत पर पानी फिरने का खतरा मंडरा रहा है। बादल फटने के बाद आई बाढ़ में एक बाइक भी बह गई है। क्षेत्र में बमटा के बाद रेवलपुल में बादल फटने की यह दूसरी घटना सामने आई है। भारी बारिश से शालवी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। इससे नदी पर थली गांव को जोड़ने वाला अस्थायी पुल किसी भी समय बह सकता है। लोगों का यहां गुजरना मुश्किल हो गया है।
क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के बाद जगह-जगह सड़कें अवरुद्ध हैं, जिससे कि लोगों के लिए सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाना चुनौती बना हुआ है। इसको देखते हुए लोगों ने लोक निर्माण विभाग और प्रदेश सरकार से जल्द मार्गों को बहाल करने की मांग उठाई है। एसडीएम चौपाल चेत सिंह ने लोगों से अपील की है कि बरसात के दिनों में नदी-नालों से दूर रहें। किसी भी आपदा में प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने कहा कि बंद मार्गों को खोलने के लिए लोक निर्माण विभाग को निर्देश जारी किए गए हैं।
नेरवा के कुताह में भूस्खलन से घर क्षतिग्रस्त, दूसरे के घर में लेनी पड़ी शरण
भारी बारिश से नेरवा तहसील की ग्राम पंचायत कुताह में भूस्खलन होने से एक मकान पर मलबा आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। घटना के समय परिवार घर पर ही सो रहा था। गनीमत रही कि हादसे के समय सभी सदस्य सुरक्षित घर से बाहर निकलने में कामयाब हो गए। घर क्षतिग्रस्त होने से परिवार को गांव में ही पड़ोसियों के घर शरण लेनी पड़ी है। जानकारी के अनुसार घटना बुधवार रात की बताई जा रही है जब गुलाब सिंह पुत्र ईश्वर सिंह निवासी कुड़ी निवासी ग्राम पंचायत कुताह का मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया।
जब यह घटना हुई उस समय गुलाब सिंह की पत्नी आशा देवी और बेटी प्रिया घर में ही सो रही थी। घर के एक हिस्से के भूस्खलन की चपेट में आने के बाद आई आवाज सुनकर दोनों घर से बाहर निकली। हादसे के समय गुलाब सिंह और उसका बेटा संजय सेब सीजन के लिए मजदूरी करने कुपवी गए हैं। वह बीपीएल परिवार से संबंध रखता है और उसने पिछले वर्ष ही यह मकान बनाकर तैयार किया था।
मकान के क्षतिग्रस्त होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। ऐसे में परिवार के सदस्य पड़ोसियों के यहां शरण लेने को मजबूर हैं। वहीं खाना तिरपाल के नीचे घर के बाहर बना रहे हैं। घटना की सूचना मिलने पर राजस्व विभाग की तरफ से कानूनगो मेलाराम और हल्का पटवारी संदीप कुमार ने मौके का मुआयना किया। उन्होंने रिपोर्ट तैयार कर तहसीलदार नेरवा को भेज दी है। तहसीलदार नेरवा जगपाल सिंह ने बताया कि प्रभावित परिवार को प्रशासन ने एक तिरपाल प्रदान किया है। नियमानुसार परिवार को राहत प्रदान की जाएगी।