जवाली: पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर फोरलेन कंपनी के कारण खोदी गई पहाडिय़ां आए दिन वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रही हैं। जरा सी बारिश होने से भी ल्हासा गिर जाता है और रास्ता बंद हो जाता है जिससे वाहन चालक काफी परेशान होते हैं। कब कौन सी पहाड़ी का मलबा किस वाहन पर गिर जाए और अनहोनी घटना घटित हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। बुधवार को भी सुबह कोटला क्षेत्र में हुई जोरदार बारिश से 32 मील में पहाड़ी खिसकने से मलबा सडक़ पर आ गिरा, जिससे मार्ग दलदल हो गया। दलदल मार्ग के कारण वाहनों का गुजरना मुश्किल हो गया। सुबह छह बजे मार्ग बंद हो गया तथा दोनों तरफ करीबन दो-दो किलोमीटर तक वाहनों का लंबा जाम लग गया। दूरदराज जाने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचना मुश्किल हो गया।
सरकारी व निजी बसें व स्कूल बसें भी जाम में फंस गई। स्कूली बसों के जाम में फंस जाने से बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाए तथा बाद में बस चालक बच्चों को वापस घर छोड़ गए। कालेज के छात्रों को दो किलोमीटर का सफर पैदल तय करके 32 मील से दूसरी तरफ जाकर बसों में बैठना पड़ा और कालेज के पेपर दे पाए। मरीजों को लेकर जा रही एंबुलेंस भी जाम में फंस गई, जिस कारण मरीजों व तामीरदारों को काफी मुश्किल हुई। आखिरकार कड़ी मशक्कत के उपरांत बाद दोपहर 2:30 बजे नेशनल मार्ग के एक तरफ से मलबा हटाकर यातायात को सुचारू बनाया गया। एक-एक करके वाहन गुजरने शुरू हुए। हालांकि इसके बाद भी वाहन चालकों को वाहन लेकर गुजरने में दिक्कत हुई, परंतु वाहन निकलते रहे। देर रात तक वाहन गुजरते दिखे।
डीएम के बोल
एनएचएआई के डीएम तुषार कुमार ने कहा कि फोरलेन का कार्य चला हुआ है तथा हमने उपमंडलाधिकारी को लिखित रूप से अवगत करवाया है कि वैकल्पिक मार्ग का प्रावधान किया जाए।
एसडीएम ने क्या कहा
एसडीएम जवाली महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मैं स्वयं भी 32 मील में गया था तथा चार घंटे तक वहां पर रहा। उन्होंने कहा कि फिलहाल उक्त स्थान से कोई बड़ा वैकल्पिक मार्ग नहीं है, जिसमें ट्रक व बस गुजर सकें।