एफसीए स्वीकृतियों के लिए प्रभावी प्रणाली विकसित करें अधिकारी- सुक्खू
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शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत प्रदान की जाने वाली स्वीकृतियों के मामलों में तेजी लाने के लिए प्रभावी प्रणाली विकसित करने पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य में विकासात्मक परियोजनाओं पर काम शीघ्र शुरू होने के साथ इसे निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जा सकेगा। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गत सायं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि चिकित्सा महाविद्यालयों, पर्यटन परियोजनाओं, शैक्षणिक संस्थानों, सड़कों और इलैक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण सहित अन्य मामलों में एफसीए मंजूरी के लिए समय सीमा का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को एफसीए की समयबद्ध मंजूरी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एफसीए मंजूरी में अनावश्यक विलम्ब नहीं होना चाहिए। जहां एफसीए आवश्यक है, वहां संबंधित विभाग एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेगा, जबकि संबंधित मंडल के डीएफओ परियोजनाओं के विलम्ब से बचने के लिए समयबद्ध तरीके से सहयोग करना सुनिश्चित करेंगे।
प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण कैम्पा की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि 22 फरवरी, 2019 तक हिमाचल प्रदेश की 1660 करोड़ रुपए की हिस्सेदारी राष्ट्रीय प्राधिकरण के पब्लिक अकाऊंट से प्रदेश प्राधिकरण के पब्लिक अकाऊंट में हस्तांतरित की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैम्पा के तहत ऊर्जा बचत क्षेत्र पर धनराशि व्यय की जानी चाहिए। उन्होंने राज्य प्राधिकरण को शासी निकाय की बैठक शीघ्र बुलाने के निर्देश दिए। उन्होंने भविष्य में वन विभाग के सभी निर्माण कार्यों को लोक निर्माण विभाग तथा अन्य निष्पादन एजैंसियों के माध्यम से करवाने के निर्देश दिए। पर्यावरण संरक्षण पर विशेष बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन चिंता का विषय है, इसलिए वन विभाग को पौधारोपण पर विशेष ध्यान देना चाहिए। बैठक में अवगत करवाया गया कि वन विभाग ने प्रथम चरण में राज्य में 15 स्थान चिन्हित किए हैं, जहां 256.50 हैक्टेयर भूमि पर पौधारोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पौधारोपण स्थल की ऊंचाई के अनुसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक पौधों की जीवित दर बढ़े।