अधिसूचना जारी, सेब कार्टन पर जीएसटी में छह प्रतिशत छूट

Update: 2022-08-02 07:45 GMT
शिमला
सेब कार्टन के जीएसटी में छह फीसदी छूट पर सचिव बागबानी विभाग की ओर से बागबानी निदेशक को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि बागबानों को जीएसटी में 6 प्रतिशत छूट देने के लिए उचित कदम उठाए जाए, ताकि सरकार की ओर से लिए गए फैसले का बागबानों को फायदा मिल सके। जीएसटी पर छूट देने के लिए एप्लीकेशन का परफोरर्मा तैयार बागबानी विकास अधिकारियों को जारी किया जाए। एप्लीकेशन फार्म में कार्टन के जीएसटी बिल, सेल प्रूफ और आधार लिंकड बैंक अकाउंट के लिए कॉलम बनाए। पत्र में कहा गया है कि जीएसटी पर छह प्रतिशत की छूट के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि बीते दिनों सरकार ने यह फैसला लिया था कि सेब कार्टन पर जीएसटी में छह प्रतिशत की छूट उन बागबानों को भी मिलेगी, जो पहले से कार्टन खरीद चुके हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ हुई बागबानों की बैठक के बाद हिमाचल सरकार ने यह निर्णय लिया गया था।। सरकार ने यह तय किया था कि जिन बागबानों ने पहली अप्रैल के बाद से सेब की पेटियां एवं ट्रे खरीदी हैं। उन्हें जीएसटी पर छह प्रतिशत सबसिडी दी जाएगी।
यह सबसिडी बागबानी विभाग और एचपीएमसी के माध्यम से जारी की जाएगी। बागबानों के हितों में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सरकार ने यह तय किया कि प्रदेश में सभी बागबानों को, जिन्होंने पहली अप्रैल, 2022 के बाद सेब की पेटियां एवं ट्रे खरीदी है, वस्तु एवं कर सेवा जीएसटी का छह प्रतिशत उपदान बागबानी विभाग एवं एचपीएमसी के माध्यम से उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रदेश के बागबान अपने संबंधित उद्यान विभाग के कार्यालय में जाकर एक फॉर्म पर अपना प्रार्थना पत्र देंगे जिसके साथ जीएसटी बिल की कॉपी, बिकी प्रकरण यानि सेल्स प्रूफ, परिवहन वस्तु रसीद, बाजार शुल्क की प्रति उपलब्ध करवाएंगे, ताकि उनके आधार युक्त बैंक खातों में इस छह प्रतिशत जीएसटी का लाभ एचपीएमसी के माध्यम से सीधा जमा करवाया जा सके इसके अतिरिक्त एचपीएमसी द्वारा बेचे गए कार्टन एवं ट्रे पर भी यह उपदान उपलब्ध रहेगा। सरकार द्वारा यह निर्णय भी लिया गया कि इस सारे खर्च को प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। एचपीएमसी को यह निर्देश जारी किए गए कि इस बार के सेब सीजन को ध्यान में रखते हुए वह कम से कम एक करोड़ पेटियों के पैकेजिंग सामग्री के आबंटन की तैयारी कर ले, जिसमें से उनके द्वारा 50 प्रतिशत की तैयारी की जा चुकी है। बैठक में सरकार द्वारा यह भी तय किया गया कि आठ करोड़ 65 लाख रुपए की धनराशी जो सरकार ने अभी विभाग को दी है।
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