एनआईए: हिमाचल के आईपीएस का आतंकियों से सांठ-गांठ में पहली बार जुड़ा नाम
हिमाचल प्रदेश के किसी आईपीएस अधिकारी का आतंकियों से सांठ-गांठ में पहली बार नाम जुड़ा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश के किसी आईपीएस अधिकारी का आतंकियों से सांठ-गांठ में पहली बार नाम जुड़ा है। राष्ट्रद्रोह के जिस गंभीर अपराध में अरविंद दिग्विजय नेगी का नाम जुड़ा है, उससे हिमाचल पुलिस की छवि पर एक और दाग लगा है। वहीं, बहुचर्चित गुड़िया कांड अभी लोगों के जेहन से निकला नहीं था कि इसी बीच आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को गोपनीय दस्तावेज सौंपने के आरोप में हिमाचल पुलिस के अफसर के गिरफ्तार होने की यह घटना सामने आ गई है।
गुड़िया कांड की जांच पहले हिमाचल पुलिस के पास रही थी। पुलिस ने मामले में मजदूरों को गिरफ्तार किया था। पुलिस जांच पर शक होने पर जनता भड़क गई थी। इसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने एसआईटी प्रमुख आईजी समेत 9 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था। अब पाकिस्तान समर्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के गोपनीय दस्तावेज सौंपने के आरोप में हिमाचल कैडर के आईपीएस अफसर अरविंद दिग्विजय नेगी को एनआईए ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है।
वर्ष 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी अब जिस तरह से राष्ट्रदोह के एक गंभीर आरोप में फंसे हैं, उससे हिमाचल पुलिस का एक बार फिर सिर नीचा हुआ है। गैलेंटरी अवार्ड मिलने के बाद इसी अफसर ने कभी हिमाचल पुलिस का सीना चौड़ा किया था। आज हर कोई स्तब्ध है। एनआईए ने 6 नवंबर, 2021 को नेगी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। जांच में पता चला कि एनआईए के कुछ गोपनीय दस्तावेज लीक करने में नेगी की भूमिका अहम थी। नेगी एनआईए में पूर्व में टॉप इन्वेस्टिगेटर भी रह चुका है। हमीरपुर जिले में एक पुलिस अधिकारी के घूस लेने के आरोप में भी हिमाचल पुलिस की बड़ी फजीहत हो चुकी है।