हिमाचल प्रदेश | प्राकृतिक आपदा से मंडी जिले के 341 स्कूलों को भारी नुकसान हुआ है। जुलाई और अगस्त माह में भारी बारिश के कारण कुछ स्थानों पर स्कूल भवन भूस्खलन की चपेट में आ गये हैं। वहीं कुछ इलाकों में बाढ़ के कारण स्कूल के मैदान, सुरक्षा दीवारें और कमरे क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जिले के 341 प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में 16 करोड़ और 46 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 11 करोड़ 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. इनमें जिले के करीब 15 मिडिल व प्राइमरी तथा 10 से अधिक सीनियर स्कूलों के भवन जमींदोज हो गए हैं। जिससे जिले में शिक्षा विभाग को कुल 27 करोड़ 50 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. मंडी जिला से शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय की ओर से दो माह में हुए नुकसान की रिपोर्ट प्रदेश सरकार और शिक्षा निदेशालय को भेज दी गई है। आपको बता दें कि इस बार बारिश ने जमकर कहर बरपाया है.
आपदा की चपेट में मंडी जिले के राजकीय केंद्रीय प्राथमिक विद्यालय खोनालाल, रावमापा खोनालाल, रेशान, बागी, कटौला, घ्राण, घासनू, देउरी, कौथी गैहरी, शरती, मसाड़, थट्टा, भडयाल और धर्मपुर, सरकाघाट समेत अन्य क्षेत्र हैं। जोगिंदरनगर. आपदा के कारण कुछ विद्यालय नष्ट हो गये हैं। इसके अलावा बाढ़ के कारण कुछ स्कूल भवन ढहने की कगार पर हैं. वहीं कुछ स्कूलों की रसोई, खेल के मैदान और सुरक्षा दीवारें पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं. अब स्कूलों का दोबारा जीर्णोद्धार होने या नई इमारतें बनने में कई साल लग सकते हैं। हालांकि, स्कूलों में बचे हुए कमरों में कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. जिन स्कूलों की इमारतें पूरी तरह से जमींदोज हो गईं। उन स्कूलों में शिक्षा विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत किराये पर भवन लेकर बच्चों की पढ़ाई शुरू कर दी है. ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो. लेकिन कुछ इंतजाम न होने के कारण स्टाफ और बच्चों को आइसोलेशन में रहना पड़ रहा है. फिर भी शिक्षा विभाग बच्चों को बेहतरीन सुविधाएं मुहैया करा रहा है।