शिमला, सोलन, मंडी और कांगड़ा में सबसे ज्यादा तबाही, ‘एट होम’ रद्द
हिमाचल प्रदेश न्यूज
शिमला। हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों में बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं के कारण राज्य भर में 45 से अधिक लोगों की मौत हो गई है तथा करीब 40 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। सूत्रों के अनुसार राज्य में ऑरेंज अलर्ट की घोषणा तथा बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की ताजा घटनाओं में बड़े पैमाने पर जानमाल के नुकसान और सम्भावित त्रासदी को देखते हुये राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने 15 अगस्त को राजभवन में होने वाला एट होम कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। अब सिर्फ ध्वजारोहण ही होगा। राज्यपाल स्वयं भूस्खलन घटनास्थलों पर पहुंचे जहां 20-25 लोगों के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि राजभवन में केवल ध्वजारोहण ही होगा। ‘एट-होम’ कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।
राज्य के शिमला, सोलन, मंडी, कांगड़ा और चम्बा जिलों में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने कहर बरपा दिया है। शिमला में भूस्खलन की दो और सोलन में बादल फटने की ताजा घटनाओं में कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। शिमला के समरहिल इलाके में भूस्खलन की चपेट में आने से एक शिव मंदिर ढह गया था और अनेक लोग मलबे में दब गये। सोमवार होने के चलते सोमवार के दिन मंदिरों में श्रद्धालुओं सामान्यत: काफी भीड़ रहती है।
वहीं, फागली क्षेत्र में भी भूस्खलन होने से वहां अनेक घर मलबे के चपेट में आकर बह गए तथा अनेक लोगों के इसके नीचे दबने की आशंका है। समरहिल में तीन बच्चों और एक महिला समेत छह तथा फागली में अब तक पांच शव निकाले जा चुके हैं। इनमें एक बच्चे का सिर धड़ से अलग पाया गया। दोनों जगहों पर जिला प्रशासन की टीमें, राष्ट्रीय आपदा राहत बल, सामाजिक संगठनों तथा स्थानीय लोगों की मदद से राहत एवं बचाव कार्य जारी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी समरहिल पहुंच कर स्वयं स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि लोगों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों तथा जिला उपायुक्तों से भी राज्य में ताजा प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की है।
राज्य में ऑरेंज अलर्ट के बीच भारी बारिश से तबाही का दौर जारी है। मंडी और कांगड़ा में ब्यास नदी अब तक के सबसे ऊंचे जल स्तर पर बह रही है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण राज्य में 752 से ज्यादा सड़कें, 4697 बिजली ट्रांसफार्मरों और 902 जलापूर्ति परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है। प्रदेश में समूचा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मौसम को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी 15 अगस्त के सभी समारोह रद्द करने का फैसला लिया गया है। पंचायत और जिला स्तरों पर केवल ध्वजारोहण ही किए जाएंगे।
एसडीएम कंडाघाट सिद्धार्थ आचार्य के अनुसार सोलन जिले में रविवार को बादल फटने से हुई तबाही में मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। ये सभी जदौण गांव के दो परिवारों के सदस्य हैं, जिनके घर रविवार रात बादल फटने से आये पानी के तेज सैलाब में बह गए थे। मृतकों की शिनाख्त हरनाम(38), कमल किशोर (35), हेमलता (34), राहुल (14), नेहा(12), गोलू (8) और रक्षा (12) के रूप में की गई है। इस घटना में छह लोगों को बचा लिया गया है। वहीं पास के जाबल गांव में गोशाला गिरने से पांच मवेशियों की मौत हो गई।
वहीं, कांगड़ा जिले में बाथु पुल के निकट अखबार लेकर ऊना जा रही एक जीप पर पहाड़ी से मलबा गिरने इसे इसके चालक प्रवीण की मौत हो गई है। जिले में बलोह पंचायत में बादल फटने से अनेक मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मकान में रह रहे परिवार के चार सदस्यों को राहत एवं बचाव के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इन्हें थुरल के विश्राम गृह में ठहराया गया है। वहीं बादल फटने से पहाड़ी का मलबा पालमपुर-सुजानपुर राजमार्ग पर आ गया है, जिससे यहां वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ है।
मंडी शहर के विश्वकर्मा मंदिर के पास पहाड़ी से भूस्खलन हुआ है। यहां एक बड़ा पेड़ भी गिर गया। शिमला के खलीनी में बाइपास पर भूस्खलन होने तथा पेड़ गिरने से वहां खड़े गाड़ियों को नुकसान पहुंचा है। सोलन जिले के अर्की की बलेरा पंचायत में मकान गिरने से 21 वर्षीय युवती और 15 वर्षीय किशोर की मौत हो गई है। चम्बा जिले के भटियात विधानसभा क्षेत्र की रायपुर पंचायत में मिट्टी धंसने से एक व्यक्ति के इसके दबने से मौत हो गई। जिले की खरगट और टिकरी पंचायतों के बीच स्थित खखरून गांव में गोशाला में बंधी गाय और सड़क पर खड़े अनेक वाहन मलबे दब गये या बह गये। एसडीएम भटियात पारस अग्रवाल के अनुसार नुकसान के आंकलन के प्रशासनिक टीम मौके पर गई है।
उधर, मंडी जिले के द्रंग विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत सेगली के बंबोला क्षेत्र में पहाड़ी से भूस्खलन होने से एक मकान इसकी चपेट में आ गया जिसमें दो लोगों की मौके पर मौत हो गई है तथा पांच अन्य मलबे में दब गये। यहां राहत एवं बचाव कार्य जारी है। मृतकों की शिनाख्त ओम प्रकाश और उसके दो वर्षीय पुत्र कनिक के रूप में हुई है जबकि पत्नी विजय शांति गम्भीर रूप से घायल है। मंडी की मझबाड़ पंचायत में बादल फटने की घटरा में दो व्यक्ति मलबे में दब गए हैं , तथा कुछ लापता हैं। जिनकी तलाश जारी है। बिलासपुर जिले के घुमारवीं के तियूनखास तियूड़ी गांव में रात भूस्खलन होने के बाद लगभग 11 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बड़सर विधानसभा क्षेत्र में ब्याड के निकट एक कार के पानी के तेज बहाव की चपेट में आने से इसमें सवार तीन लोग बह गये जिनमें से दो को पुलिस टीम ने बचा लिया लेकिन चालक बह गया। उसकी तलाश की जा रही है।
भूस्खलन और पेड़ गिरने के कारण चंडीगढ़-मनाली पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग(एनएच) संख्या 305 बिनौला समेत अनेक जगहों पर बंद हो गया है। सोलग के पास दाड़ला मोड़ से बैरी रोड भी बंद है। नवगांव बैरी सड़क भी सोलग के पास बंद है। धर्मशाला-शिमला एनएच अभी तक दगसेच के पास बंद है। शिमला शहर में शोघी-मेहली, फागली-खलीणी, एडवर्ड स्कूल के निकट पास हिमलैंड-बैम्ब्लो, विकासनगर-छोटा शिमला, विकासनगर-पंथघाटी और टूटीकंडी से आईएसबीटी सड़क समेत राज्य में लगभग 752 सड़क मार्ग अवरुद्ध हैं।