सिरमौर में लंपी वायरस से हुआ सर्वाधिक नुकसान, सूबे में एक हजार पशु संक्रमित
शिमला न्यूज़: हिमाचल प्रदेश में खतरनाक लंपी वायरस पशुओं को मौत के आगोश में ले जा रहा है। लंपी वायरस से सूबे में एक हजार पशु संक्रमित पाए गए हैं, जबकि 58 पशुओं की इस वायरस से मौत हुई है। ये मौतें चार जिलों सिरमौर, शिमला, सोलन और ऊना जिलों में हुई हैं। सिरमौर में लंपी वायरस से सबसे ज्यादा 32 पशुओं की जान गई है। शिमला में 16 और सोलन व उना जिलों में पांच-पांच पशु मारे गए हैं। पशुपालन व ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने शनिवार को विधानसभा में यह जानकारी दी। वह नियम 62 के तहत विधायक अनिरुद्ध सिंह द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे। वीरेंद्र कंवर ने बताया कि सूबे के सात जिलों पशु इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं। इन जिलों में एक हजार पशु लंपी वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। सिरमौर जिला में 417, उना में 230, शिमला में 214, सोलन में 95, कांगड़ा में 37, बिलासपुर में छह और हमीरपुर में संक्रमण का एक मामला दर्ज किया गया है। सिरमौर जिला के स्वांजी व टिक्कर, शिमला जिला के पंथाघाटी क्षेत्र के गांव चेली, हमीरपुर के बल्ह, बिलासपुर के लूहणु, उना जिला के हरोली और कांगड़ा जिला के ढलियारा गांव में लंपी वायरस के मामले सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि सिरमौर, शिमला, सोलन, चंबा, कांगड़ा व उना जिलों में इसे महामारी घोषित कर दिया गया है। ऐसे में महामारी से पीड़ित पशुपालकों को आपदा प्रबंधन कानून के तहत मुआवजा मिलेगा। विरेंद्र कंवर ने बताया कि दुधारू पशुओं के लिए यह मुआवजा 30 हजार रुपए होगा। इसकेे लिए मृत पशु की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जरूरी है। वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार इस महामारी को लेकर गंभीर है और इससे बचाव के लिए 11200 पशुओं की वैक्सीनेशन कर दी गई है। शिमला जिला में 5600, सिरमौर में 4700 और सोलन जिला में 900 पशुओं की वैक्सीनेशन हुई है। कहा कि सिरमौर, सोलन व शिमला जिलों में ग्रसित पशुओं के पांच किलोमीटर के दायरे में 11200 पशुओं की वैक्सीनेशन की गई है।