भानुपल्ली-बिलासपुर रेललाइन के लिए 39 गांवों में भू अधिग्रहण पूरा
रेलवे लाइन में 58 गांवों की जमीन
Himachal Pradesh News, भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाइन परियोजना में बड़ी सफलता भू अधिग्रहण टीम को मिली है। देश की इस प्रमुख परियोजना पर रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) अब 20 से 45 किलोमीटर तक जल्द कार्य शुरू कर सकेगा। आरवीएनएल अभी तक पंजाब के भानुपल्ली यानी प्वाइंट जीरो से हिमाचल के 20 किलोमीटर तक के हिस्से पर ही कार्य कर रहा है। प्रोजेक्ट के इस हिस्से पर रेलवे लाइन निर्माता कंपनियों ने कई सुरंगें, पुल और लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया है।
हालांकि कुछ हिस्सों पर आगे भी कार्य शुरू हुआ है, लेकिन कई हिस्से भू अधिग्रहण का कार्य अधूरा होने के कारण अनछुए रह गए थे। अब सुखद यह है कि जीरो से 45 किलोमीटर तक केवल एक गांव जब्बल को छोड़कर मानवां तक भू अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा है। बैरी तक यह लाइन कुल 63 किलोमीटर लंबी है।
रेलवे लाइन में 58 गांवों की जमीन
भानुपल्ली से लेकर बिलासपुर के बैरी तक हिमाचल के 58 गांवों की भूमि अधिग्रहित की जा रही हैं। इसमें जब्बल, रामपुर, खनसरा, कोहलवी, रघुनाथपुरा, नोग, बहली बिला, बहली झलेडा, मंडी, कललर, भ्राड़ी, न्यायी सारली, कोट, तुहनू, कोठीपुरा, दगडाहन, टाली, माणवां, भराथू, पट्टा, धनसवाई, डडनाल, रौणा, सुनहन, क्यारियां, टिक्कर, फतेहपुर, खैरियां, पडगल, बध्यात, डियारा, खैरियां लुहणु, भटेड उपरली, खतेड़, भटेड, थापना, समलेटू, टोवा संगवाणा, नीलां, धरोट, लखाला, बैहल, खरोहल, बामटा, बैहल कंडैला, बघड़ी, बैरी रजादयां, बरमाणा, बलोह, बिलासपुर, जंडौरी, दबट मजारी, बेहरड़ा, झीड़ा, कांगुवाली, कोटखास, नंद बैहल, मेहला शामिल हैं।
जब्बल गांव में अटका है मामला
मानवां तक की रेललाइन में केवल एक मात्र जब्बल गांव का मामला अटका हुआ है। यहां करीब 11 परिवारों की जमीन इस परियोजना के तहत अधिग्रहित की जानी है। इस क्षेत्र में एक सुरंग और डंपिंग साइट विकसित होगी, लेकिन कुछ लोगों ने मुआवजे की रकम को लेकर असहमति जताई है।
19 गांव में सुनवाई की प्रक्रिया बाकी
भू अधिग्रहण अधिकारी विशाल शर्मा का कहना है कुल 58 गांवों में से लगभग 39 गांवों की भूमि अधिग्रहण करने की वार्ता सफल हो गई है। हाल ही में मानवां गांव में समझौता वार्ता सफल हुई है। यहां 30 बीघा 11 बिस्वा जमीन का अधिग्रहण किया गया है और करीब 49 लाख रुपये प्रति बीघा का मुआवजा जारी किया गया है। मानवां तक जब्बल गांव को छोड़कर सुनवाई प्रक्रिया है। अब केवल 19 गांव में सुनवाई की प्रक्रिया शेष है।