जदरांगल में 64 हेक्टेयर भूमि को मिली हरी झंडी, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने सीयू के लिए सिलेक्ट जमीन पर दी फाइनल रिपोर्ट

प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए मंगलवार का दिन मंगलमय खबर लेकर आया।

Update: 2022-02-23 04:36 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए मंगलवार का दिन मंगलमय खबर लेकर आया। करीब 12 वर्षों से भूमि का इंतजार कर रहे विश्वविद्यालय के लिए जदरांगल में करीब 64 हेक्टेयर भूमि की जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने फाइनल रिपोर्ट दे दी है। हालांकि 11 हेक्टेयर भूमि को भवन बनाने के लिए रिजेक्ट भी किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के पास करीब 25 हेक्टेयर भूमि पहले ही मौजूद है। ऐसे में अब विश्वविद्यालय प्रशासन की सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है । जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट आने के बाद अब जिला प्रशासन एफसीए केस की मंजूरी के लिए इस रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेजों को अपलोड करेगा। ऐसे में अब एफसीए अप्रूवल के बाद विवि के नाम जमीन होने पर करीब 89 हेक्टेयर भूमि विश्वविद्यालय के नाम हो जाएगी, जिस पर कभी भी भवन संबंधी कार्य शुरू किए जा सकते हैं ।

वर्ष 2009 में हिमाचल को मिले केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए अभी तक पूरी भूमि नहीं मिल पाई है, लेकिन पिछले कुछ समय से विश्वविद्यालय व जिला प्रशासन के लगातार प्रयासों के चलते बड़ी-बड़ी बाधाएं दूर हो गई हैं। उधर उपायुक्त कांगड़ा डा. निपुण जिंदल ने बताया कि मंगलवार को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट उन्हें मिल गई है। पॉजिटिव रिपोर्ट आने से आगामी प्रक्रिया को पूरा करना आसान होगा । उधर केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी बंसल का कहना है कि प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार और जिला प्रशासन का लगातार सहयोग मिल रहा है और इसी के चलते लंबे समय से लटकी परियोजना के कार्य को आगे बढ़ाने में विश्वविद्यालय प्रशासन सफल हो पाया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने भवन निर्माण के लिए पूर्व योजना के आधार पर मास्टर प्लान भी तैयार करने से लेकर आगामी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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