भंडारण की अच्छी सुविधा होगी तो नुकसान कम होगा

Update: 2023-07-27 09:56 GMT

मंडी न्यूज़: गत मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर में चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर के सहयोग से भंडारण विकास एवं नियामक विषय पर जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लगभग 80 किसानों, व्यापारियों और कृषि अधिकारियों ने भाग लिया। जागरूकता शिविर में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. पंकज सूद ने कृषि उत्पादों के भंडारण के महत्व पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि देश में कृषि उत्पादों, खासकर फलों और सब्जियों की कटाई से लेकर उपभोक्ताओं तक पहुंचने तक 5 से 13 फीसदी का नुकसान होता है और अन्य फसलों में यह आंकड़ा 3 से 7 फीसदी तक होता है. उन्होंने बताया कि पैसों के मामले में यह आंकड़ा करीब 1 करोड़ 52 हजार रुपये है. जिससे देश को आर्थिक रूप से नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि सरकार ने कृषि उत्पादों के नुकसान को कम करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं और उनमें से एक ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि उत्पादों की भंडारण क्षमता विकसित करना है। उन्होंने कहा कि सरकार भंडारण के बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए किसानों को व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से वित्तीय सहायता प्रदान करती है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना का लाभ उठाएं और अपने कृषि उत्पादों को भंडारण विकास एवं नियामक अधिनियम के तहत पंजीकृत भंडारण गृहों में रखें, ताकि फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सके और उत्पाद का उचित मूल्य मिल सके।

चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर से आये डॉ. राहुल ने प्रतिभागियों को भण्डारण विकास एवं नियामक अधिनियम एवं चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर की गतिविधियों से अवगत कराया। इसके साथ ही संस्थान से डॉ. अरुण अग्रवाल ने प्रतिभागियों से वर्चुअली संवाद किया। कार्यक्रम में डीडीएम नाबार्ड जिला मंडी राकेश वर्मा ने नाबार्ड की योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की, साथ ही लीड बैंक मैनेजर संजय कुमार ने बैंकों द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रतिभागियों के साथ साझा की। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अलावा डॉ. प्राची प्रधान किसान प्रशिक्षण केंद्र और उनकी टीम, डॉ. शमशेर सिंह विषय वस्तु विशेषज्ञ कृषि विभाग, डॉ. राजेश विषय वस्तु विशेषज्ञ बागवानी विभाग, सीता राम वर्मा अध्यक्ष हिमाचल किसान संघ और उनकी टीम, किसान उत्पादक संगठनों के पदाधिकारी, व्यापारी सौरभ सैनी और प्रगतिशील किसान परमा राम चौधरी और स्नेहा शर्मा भी उपस्थित थे।

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