शिमला। एच.आर.टी.सी. के बेड़े में इलैक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ रही है। वहीं प्रदेश सरकार अब निगम की 1500 बसों के बेड़े को इलैक्ट्रिक बसों में बदलेगी। शुक्रवार को एच.आर.टी.सी. इलैक्ट्रिक बसों के बेड़े में 20 नई इलैक्ट्रिक बसें शामिल हुईं। इन बसों को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चौड़ा मैदान शिमला से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ऐसे में अब शहर में ई-बसों की कुल संख्या 50 से बढ़कर 70 हो गई है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल पथ परिवहन निगम 90 इलैक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 17 ई-बसें कुल्लू में, 5 मंडी में, 3 बिलासपुर और 50 ई-बसें शिमला जिले के ढली डिपो में हैं। वर्तमान में धर्मशाला में निगम के बेड़े में 15 अतिरिक्त ई-बसें शामिल की गईं हैं। इन ई-बसों की परिचालन लागत डीजल बसों की तुलना में बेहद कम लगभग 25 रुपए प्रति किलोमीटर है। उन्होंने कहा कि ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने से कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी जिससे पर्यावरण संरक्षण में भी सहयोग प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चरणबद्ध तरीके से हिमाचल पथ परिवहन निगम की 1500 बसों के पूरे बेड़े को ई-बसों से बदलेगी जिसके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा भी स्थापित किया जा रहा है। शिमला व नादौन के लिए खरीदी जा रही 75 इलैक्ट्रिक बसें मुख्यमंत्री ने कहा कि एच.आर.टी.सी. ने शिमला स्थानीय और नादौन में उपयोग की जाने वाली 75 टाइप-1 ई-बसों के लिए निविदा प्रक्रिया जारी है और मौजूदा डीजल बसों को बदलने के लिए 225 टाइप-2 ई-बसों के लिए तकनीकी विनिर्देशों को अंतिम रूप दिया गया है। इसके अलावा इन ई-बसों को पर्यटन वृत्त (सर्किल) पर भी चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित किया जाए जिसके लिए वर्तमान राज्य सरकार द्वारा अपने प्रथम बजट में ही विभिन्न उपायों का समावेश किया गया है। 20 नई इलैक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाने के बाद मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की बैठक में भाग लेने के लिए चौड़ा मैदान से प्रदेश सचिवालय तक की यात्रा ई-बस से की। इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, मुख्य संसदीय सचिव चौधरी राम कुमार, विधायक हरीश जनारथा, प्रबंध निदेशक एच.आर.टी.सी. निगम संदीप कुमार और सहित एच.आर.टी.सी. के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।