ऑनर किलिंग मामला: ठंडा पानी पिलाकर ली थी जान, 16 दोषियों को 22 मार्च को सुनाई जाएगी सजा
सिरसा में मार्च 2018 में गांव मंगाली की युवती से प्रेम विवाह करके गांव ढिंगसरा में अपने मामा के घर आए धर्मबीर का युवती के परिजनों द्वारा अपहरण करने के बाद उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया।
हिमांचल: सिरसा में मार्च 2018 में गांव मंगाली की युवती से प्रेम विवाह करके गांव ढिंगसरा में अपने मामा के घर आए धर्मबीर का युवती के परिजनों द्वारा अपहरण करने के बाद उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। 1 जून 2018 को जब करीब 20 लोग उसे व उसकी पत्नी को बंदूक के बल पर अपहरण करके ले गए, तो बाद में गांव सीसवाल में धर्मबीर को ट्यूबवेल के कोठे पर लेकर गए थे। यहां पर उसको डंडों व रबड़ के पट्टों से बेरहमी से पीटा गया।
धर्मबीर को जब भी प्यास लगती तो हत्यारे उसे ठंडा पानी पिलाते रहे, जिस कारण धर्मबीर ने दम तोड़ दिया था। इस निर्मम हत्याकांड को लेकर दोषियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धर्मबीर के परिजनों ने फतेहाबाद के लालबत्ती चौक पर प्रदर्शन भी किया था। बाद में भट्टूकलां थाना पुलिस आरोपियों तक पहुंची और सभी को गिरफ्तार करके उनको सलाखों के पीछे पहुंचाया।
जानकारी के अनुसार, गांव मंगाली निवासी युवती अपने मामा के पास सीसवाल गांव में रहती थी। इसी दौरान उसकी मुलाकात धर्मबीर निवासी गांव डोबी जिला हिसार के साथ हो गई। प्रेम प्रसंग चलने के बाद दोनों ने सिरसा के छत्तरपट्टी क्षेत्र के मंदिर में प्रेम विवाह रचा लिया। दोनों ने सिरसा पुलिस को दलबीर सिंह आदि से अपनी जान को खतरा बताते हुए सुरक्षा की मांग भी की थी।
कुछ दिन पुलिस सुरक्षा में रहने के बाद धर्मबीर अपनी पत्नी के साथ गांव ढिंगसरा में अपने मामा रायसिंह के घर पर आ गया था। इसी दौरान दलबीर आदि को भनक लग गई थी कि धर्मबीर पत्नी के साथ गांव ढिंगसरा में रह रहा है। इसके बाद तीन गाड़ियों में आए करीब 20 लोगों ने पहले रायसिंह के बाहर फायर किया और बाद में धर्मवीर व उसकी पत्नी का अपहरण करके उनको गांव सीसवाल ले गए। यहां आने के बाद युवती को तो उसके मामा दलबीर की ढाणी में छोड़ दिया गया और धर्मबीर को दलबीर के खेत के ट्यूबवेल पर ले जाया गया। जहां पर उपरोक्त आरोपियों ने रबड़ के पट्टे व डंडों से उसकी निर्ममता से पिटाई करनी शुरू कर दी।
धर्मबीर जब भी पानी की मांग करता तो उसे ठंडा पानी पिलाया जाता। काफी देर तक हुई निर्मम पिटाई के बाद धर्मबीर ने दम तोड़ दिया और आरोपियों ने उसके शव को सिद्धमुख नहर में फेंक दिया। अगले दिन उसका शव राजस्थान के नोहर शहर में नहर से बरामद हो गया। वहीं इधर, भट्टूकलां थाना पुलिस ने पहले इस मामले में रायसिंह की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज किया था। बाद में धर्मबीर का शव मिलने के बाद हत्या समेत अनेक धाराएं भी जोड़ दी गईं।
पुलिस से बचने के लिए छत से कूद गया था आरोपी
इस हत्याकांड में शामिल एक आरोपी वेदप्रकाश निवासी बड़ोपल को जब पुलिस पकड़ने के लिए गई तो वह पुलिस को देखकर छत से कूद गया। जिससे उसकी टांग में फ्रैक्चर आ गया था और पुलिस ने उसे पहले अस्पताल में भर्ती करवाया और बाद में अदालत में पेश किया।
अपहरण के बाद झाड़ियों में छिपाई थी बोलेरो
धर्मबीर व उसकी पत्नी के अपहरण के लिए दलबीर आदि ने जिस बोलेरो का प्रयोग किया था, उसे आरोपियों ने गांव सीसवाल के पास झाड़ियों में छिपा दिया था। पुलिस तफ्तीश के दौरान पुलिस ने इस बोलेरो को बरामद किया और इसी में हत्या के लिए प्रयुक्त रबड़ के पट्टे बरामद हुए थे। पुलिस ने तफ्तीश में आरोपियों ने कीराम, बलवंत सिंह व शेरसिंह से भी रबड़ के पट्टे बरामद किए थे।
हो सकती है फांसी या आजीवन कारावास की सजा
जिला न्यायालय के वकील रोहताश बिश्नोई ने बताया कि हत्या के केस में कम से कम आजीवन कारावास व अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि अगर हत्या का मामला रेयर एंड रेयरेस्ट में आता है तो दोषी को फांसी की सजा सुनाई जाती है। इस मामले में अपहरण मामले में भी अधिकतम आजीवन कारावास, धारा 452 में 7 साल, 285 में 6 माह, 120 बी (अगर हत्या से जुड़ी है) तो आजीवन कारावास, 201 में 7 साल व 148 में अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है।