सुविधाओं और संसाधनों के अभाव के चलते Heart Attack के मरीज ने अस्पताल के गेट पर दम तोड़ा

Heart Attack के मरीज ने अस्पताल के गेट पर दम तोड़ा

Update: 2022-06-12 14:45 GMT
Jogendernagar Hospital, मंडी जिले के जोगेंद्रनगर अस्पताल की लचर स्वास्थ्य सुविधाएं अब मरीजों की जान पर भी भारी पडऩे लग पड़ी हैं। हार्ट अटैक (हृदयाघात) के मरीज की भी उपचार के दौरान मौत हो गई। रविवार को गुम्मा निवासी धर्म सिंह को गंभीर हालत में सिविल अस्पताल जोगेंद्रनगर में उपचार के लिए लाया गया था, लेकिन यहां पर सुविधाओं और संसाधनों के अभाव के चलते जब शहर से बाहर बड़े अस्पताल में रेफर किया गया तो मरीज ने अस्पताल के गेट पर एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया।
हार्ट अटैक के चलते तीन दिन पहले पालमपुर के एक बड़े निजी अस्पताल में उपचार करवाकर वह अपने घर पहुंचे थे। रविवार सुबह जब तबीयत बिगड़ी तो जोगेंद्रनगर अस्पताल ले आए, लेकिन यहां पर बेहतर उपचार की सुविधा न होने के कारण इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार देकर तुरंत टांडा मेडिकल अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। अभी मरीज को एंबुलेंस में पहुंचाया था कि तबीयत और बिगड़ गई और कुछ ही मिनटों में मरीज ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
अस्पताल में नहीं थी आइसीयू की सुविधा
जोगेंद्रनगर की इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सक से मिली जानकारी के अनुसार, हार्ट अटैक से मरीज की मौत हो गई। अस्पताल में अगर मेडिसिन विशेषज्ञ चिकित्सक व आइसीयू की सुविधा होती तो नाजुक हालत में मरीज को टांडा रेफर नहीं करते। अस्पताल की अधूरी स्वास्थ्य सुविधाओं पर अस्पताल के अन्य विशेषज्ञ चिकित्सक भी हैरान हैं।
वहीं, अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. रोशन लाल कौंडल का तर्क है कि वह अस्पताल की सुविधाओं के विस्तार के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से कई बार पत्राचार कर चुके हैं।
धर्म सिंह की पत्नी जोगेंद्रनगर और चौंतड़ा में थी हेल्थ वर्कर
धर्म सिंह की मौत के लिए स्वजन ने अस्पताल की अधूरी स्वास्थ्य सुविधाओं को भी जिम्मेदार ठहराया है। पत्नी ऊमा देवी जोगेंद्रनगर और चौंतड़ा में बतौर हेल्थ वर्कर सेवाएं दे चुकी हैं।
अस्पताल में आनकाल होते ही हैं ईसीजी, ब्लड बैंक की सुविधा नहीं
करीब सवा लाख आबादी के स्वास्थ्य का रखवाले जोगेंद्रनगर अस्पताल में गंभीर मरीजों की ईसीजी भी आनकाल होती है। ब्लड बैंक की सुविधा इस अस्पताल में नहीं है। इससे सिजेरियन प्रसव भी प्रभावित होते हैं। गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड अस्पताल में नहीं होते हैं। आंख, हड्डी रोग और मेडिसिन विशेषज्ञ चिकित्सक के पद अरसे से खाली पड़े हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
मुख्य चिकित्साधिकारी डा. देवेंद्र का कहना है कि वह अस्पताल की अधूरी स्वास्थ्य सुविधाओं को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं। रिक्त चल रहे विशेषज्ञ चिकित्सकों के पदों की भी जल्द पूर्ति होगी।
जोगेंद्रनगर अस्पताल की अधूरी स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रयास कर रहा हूं। स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से पत्राचार कर विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति के साथ आपात सुविधाओं में सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। रोगी कल्याण समिति की बैठक में भी अस्पताल की समस्याओं के प्राथमिकता से हल करने के आदेश जारी किए गए हैं।
-प्रकाश राणा, विधायक जोगेंद्रनगर
Tags:    

Similar News

-->