नाहन: उपायुक्त सिरमौर सुमित खिमटा ने बताया कि कृषि पर निर्भर ग्रामीण समुदायों की सतत आजीविका परियोजना (एसएलएडीआरसी) के इंश्योरेंस फंड के तहत सिरमौर जिला के पांवटा साहिब, पच्छाद और संगड़ाह खंड में भारी बारिश के कारण नष्ट हुई किसानों की फसलों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने इन क्षेत्रों के किसानों से खराब हुई फसलों की विस्तृत सूचना कृषि और बागबानी विभाग को उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। उपायुक्त सुमित खिमटा सोमवार को नाहन में एसएलएडीआरसी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। सुमित खिमटा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित यह परियोजना जिला के तीन विकास खंडों पांवटा, संगड़ाह और पच्छाद में पायलट आधार पर की गई थी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत किसानों को अत्यंत विषम मौसम परिस्थितियों तथा जलवायु परिवर्तन से कृषि एवं बागबानी फसलों के अनुसार पर मुआवजे का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के इंश्योरेंस फंड के तहत सिरमौर जिला के तीन खंडों को अभी तक 1.37 करोड़ रुपए की धनराशि प्राप्त हुई है। इस परियोजना के तहत जहां जलवायु परिवर्तन के कारण फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे का प्रावधान है। वहीं पर कृषि उत्पाद बढ़ाने के लिए छोटी और बड़ी सिंचाई योजनाओं के अलावा कृषि व बीज सहित अन्य सुविधाएं प्रदान करना भी शामिल है। उपायुक्त ने कृषि एवं बागबानी विभाग के अलावा पंचायती राज संस्थाओं तथा अन्य संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि पांवटा, संगड़ाह और पच्छाद विकास खंडों में भारी बारिश से जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं उन्हें एसएलएडीआरसी के प्रावधानों के अनुरूप फसल मुआवजे की राशि के लिए फील्ड स्तर पर जाकर सभी औपचारिकताएं पूर्ण करवाने में किसानों को सहयोग करें। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण किसानों का बहुत नुकसान हुआ है और हम सभी को मिलकर किसानों की फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए गंभीरता से कार्य करना चाहिए। इस अवसर पर उपनिदेशक कृषि राजेंद्र ठाकुर, परियोजना निदेशक जिला ग्रामीण अभिकरण अभिषेक मित्तल, परियोजना निदेशक आत्मा साहब सिंह के अलावा राजस्व, जल शक्ति, उद्योग अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।