घर-घर जाकर ऑर्डर के बहाने ओटीपी लेकर लगा रहे चपत, लोगों को लूट रहे फर्जी डिलीवरी एजेंट
शिमला
फर्जी डिलीवरी एजेंट्स द्वारा ग्राहकों से ओटीपी एकत्र करने के कई मामले सामने आए हैं। प्रोडक्ट की डिलीवरी के बहाने ये लोग ग्राहकों को अपने जाल में फंसाकर ओटीपी प्राप्त करने के बाद कंज्यूमर को चपत लगा देते हैं। डिजिटल पेमेंट्स और ऑनलाइन बैंकिंग के बढ़ते प्रचलन के साइबर क्राइम भी बढ़े हैं, इसलिए ग्राहकों के डाटा को लेकर कई कंपनियां जागरूक और सतर्क हो गई हैं। यूजर्स को ज्यादा सुरक्षित डिलीवरी प्रदान करने के लिए फ्लिपकार्ट और अमेजॉन जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ने डिलीवरी के लिए वन टाइम पासवर्ड प्रोसेस शुरू कर चुका है।
हालांकि, तमाम सेफ्टी फीचर्स के बावजूद जालसाज और साइबर बदमाश ग्राहकों को चपत लगाने में और बैंक खातों से पैसे चुराने में कामयाब रहे हैं। हाल ही में, फर्जी डिलीवरी एजेंट्स द्वारा ग्राहकों से ओटीपी एकत्र करने के कई मामले सामने आए हैं। साइबर ठग और स्कैमर अकसर डिलीवरी पैकेज प्राप्त करने वाले ग्राहकों पर नजर रखते हैं और ओटीपी मांगने के लिए ग्राहकों के पास डिलीवरी एजेंट के रूप में जाते हैं और बहानेबाजी से करके ग्राहकों को चूना लगा देते हैं। (एचडीएम)
फर्जी एजेंट्स से ऐसे करें बचाव
साइबर क्राइम भूपेंद्र सिंह नेगी का कहना है कि देशभर में ऐसे फर्जी डिलीवरी स्कैम से जुड़े कई मामले सामने आए हैं। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि फर्जी ओटीपी स्कैम को रोकने के लिए याद रखें कि संदिग्ध डिलीवरी एजेंट्स के साथ ओटीपी किसी से शेयर न करें। जो भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का ओटीपी मांग रहा है उसकी पहचान सत्यापित करें। इसके अलावा पैसे का भुगतान करने और डिलीवरी की पुष्टि करने से पहले डिलीवरी पैकेज खोलकर देख लें। किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी मांगने वाले लिंक या वेबसाइट्स पर भरोसा न करें। हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और साइबर क्राइम सैल में तुरंत शिकायत दर्ज करें।