ऊर्जा विभाग छत पर एक से तीन किलोवाट तक की क्षमता के संयंत्र स्थापित करेगी, जानिए क्या है प्लान
शिमला: अब प्रदेश के तमाम घरों की छतों पर बिजली तैयार होगी। हिम ऊर्जा विभाग ने सौर ऊर्जा से दस मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए घरों पर एक किलोवाट से तीन किलोवाट तक की क्षमता के संयंत्र स्थापित करने की तैयारी की है। सबसे बड़ी बात यह है कि इन संयंत्रों से तैयार होने वाली बिजली को बेचा भी जा सकेगा। सौर ऊर्जा संयंत्र से पैदा होने वाली बिजली का इस्तेमाल उपभोक्ता अपने लिए करेंगे और जो बिजली इस्तेमाल से अधिक होगी, उसे बिजली बोर्ड को बेचा जा सकेगा। यानि सस्ती बिजली के साथ ही अब घर में ही रोजगार का भी साधन मिलने वाला है। तीन किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का कुल खर्च डेढ़ लाख रुपए है। इसमें से 50 फीसदी से ज्यादा सबसिडी मिलेगी। केंद्र का हिस्सा 40 फीसदी है, जो करीब 60 हजार रुपए रहेगा, जबकि राज्य सरकार 18 हजार की सबसिडी देगी। राज्य और केंद्र का कुल हिस्सा 78 हजार रुपए होगा।
डेढ़ लाख के तीन किलोवाट के प्रोजेक्ट के लिए 72 हजार रुपए ही खर्च करने होंगे। प्रोजेक्ट लगने के बाद हिम ऊर्जा विभाग बिजली बोर्ड के साथ मिलकर एक नया मीटर स्थापित करेगा। इस मीटर में बिजली के उत्पादन और खपत दोनों का हिसाब दर्ज होगा। जो बिजली ग्रिड में जाएगी, उसका भुगतान प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली बोर्ड वापस करेगा। बिजली की खपत पर बिल के भुगतान से भी बड़ी राहत मिलेगी। हिम ऊर्जा विभाग ने इस साल के लिए दस मेगावाट का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने सबसिडी के ऐलान के साथ ही तमाम राज्यों के लिए लक्ष्य तय किया था। यह लक्ष्य एक साल के लिए है व हिम ऊर्जा विभाग ग्रीन एनर्जी के लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास कर रहा है।
78 हजार में लगेगा तीन किलोवाट प्रोजेक्ट: राहुल कुमार, कार्यकारी अधिकारी, हिमऊर्जा ने बताया कि हिम ऊर्जा विभाग लोगों को सौर ऊर्जा से जोडऩे का प्रयास कर रहा है। डेढ़ लाख के इस प्रोजेक्ट में 78 हजार रुपए की सबसिडी मिलेगी। दस मेगावाट का लक्ष्य तय किया गया है। बिजली की खपत 50 फीसदी कम हो जाएगी। आगामी कुछ सालों में यह प्रोजेक्ट फायदे का सौदा साबित होगा। उपभोक्ता अतिरिक्त बिजली को बेच भी पाएंगे।