निर्वाचन आयोग: मतदाताओं को किसी भी तरह के प्रलोभन को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है
नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को प्रलोभन दिये जाने को कतई बर्दाश्त नहीं करने की उसकी नीति है. साथ ही, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसी प्रणालियों के जरिये यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए 'मुफ्त सौगात' (फ्रीबीज) नहीं बांटी जाए. मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग एक नया प्रपत्र पेश करने के अपने प्रस्ताव पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहा है. इस प्रपत्र मे राजनीतिक दल इस बारे में विवरण दे सकेंगे कि वे मतदाताओं को किये गये चुनावी वादों को कैसे पूरा करेंगे.
राजनीतिक दलों से यह पूछा गया है कि वे वादों को पूरा करने के लिए आवश्यक धन कहां से जुटाएंगे.निर्वाचन आयोग की योजना आदर्श आचार संहिता में संशोधन कर इस 'प्रोफॉर्मा' को उसका हिस्सा बनाने की है. सीईसी ने कहा कि राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों को ऐसी घोषणा या वादे करने का अविवादित अधिकार हैं जो उन्हें व्यवहार्य लगते हों. मतदाताओं को भी यह जानने का अधिकार है कि इन्हें कैसे पूरा किया जाएगा. इसलिए, विचार-विमर्श की यह प्रक्रिया मौजूदा विधायी ढांचे के द्वारा संचालित होगी...राजनीतिक दल 19 अक्टूबर तक हमारे पास आने वाले हैं और हम इस बारे में फैसला करेंगे कि क्या किये जाने की जरूरत है.
'मुफ्त सौगात' के जरिये मतदाताओं को लुभाने की कोशिशों के बारे में सवाल पूछे जाने पर सीईसी ने कहा कि आयोग की नीति किसी तरह का प्रलोभन दिये जाने को कतई बर्दाश्त नहीं करने की है और उसने पूरे तंत्र को इसमें लगाया है. उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के जरिये सभी ई-वे बिल प्रणाली और वस्तुओं पर नजर रखी जाएगी, जो चुनावी राज्यों और यहां तक कि पड़ोसी राज्यों में जा रहे हैं. उन्होंने सभी गोदाम...साड़ियों, मिक्सर...इन सभी का आकलन किया है ताकि किसी भी चीज का उपयोग (प्रलोभन के रूप में) नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि निजी हवाई पट्टी सहित हवाई अड्डों पर एटीसी (वायु यातायात नियंत्रण) के जरिये कड़ी निगरानी की जाएगी, ताकि कोई भी अवैध, बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के, अनियमित उड़ान बगैर जांच के नहीं जा सके. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अंतर-राज्यीय सीमा सील कर दी जाएगी.