शिक्षा मंत्री बोले, पाठ्यक्रम में विषय शामिल करने को बनाएंगे इतिहासकारों की कमेटी
धर्मशाला: प्रदेश सरकार के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के प्राचीन इतिहास को जोडऩे के लिए राज्य स्तर के प्रबुद्ध इतिहासकारों की कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके बाद तैयार विषयों को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कार्य रिसर्च वेस्ड होगा। मंत्री ने प्रदेश के टॉपर छात्रों के साथ शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा दिसंबर में इस कार्यक्रम का आयोजन करते हुए इसे वार्षिक कार्यक्रम बनाया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि जिस तरह शुक्रवार को प्रदेश स्कूल बोर्ड के कार्यों की रिव्यू मीटिंग की गई है, ऐसे ही भविय में भी हर वर्ष बैठकों का आयोजन कर आगामी रणनीति बनाई जाएगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षा बोर्ड में मैन पावर बढ़ाने के लिए भी काम किया जाएगा। चयन आयोग के गठन के बाद जेओए सहित अन्य पदों को भरा जाएगा। सरकार नवंबर तक चयन आयोग का गठन कर लेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश का इतिहास भी बहुत गौरवशाली रहा है। जिला कांगड़ा का जिक्र महाभारत तक में आता है।
उन्होंने कहा कि वीर राम सिंह पठानिया, जनरल जोरावर सिंह, पहाड़ी गांधी बाबा कांशीराम, प्रजामंडल, डॉ. यशवंत सिंह परमार सरीखी विभूतियों और ऐतिहासिक घटनाक्रमों से हमारे बच्चे परिचित होने चाहिएं। उन्होंने कहा कि इस गौरवशाली इतिहास की जानकारी केवल इतिहास विषय पढऩे वाले बच्चों तक सीमित न होकर सभी बच्चों तक पहुंचे, ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए। रोहित ठाकुर ने कहा कि हमारे गर्वीले इतिहास में हमारी समृद्ध संस्कृति, परंपराएं, कला और साहित्य भी आता है। इन सब विषयों को भी पाठ्यक्रम में शमिल करने की दिशा में कार्य करने के निर्देश उन्होंने बोर्ड के अधिकारियों को दिए। मुख्य संसदीय सचिव शिक्षा आशीष बुटेल ने अधिकारियों को बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश शिक्षा बोर्ड की विश्वसनीयता इसी प्रकार बनी रहे इसके लिए पूर्ण निष्ठा से कर्मचारी काम करें। उन्होंने कहा स्कूलों में बच्चों को पढ़ाए जाने वाली पुस्तकें और अन्य सामग्री की गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए।
तकनीक पर होगा काम
रोहित ठाकुर ने कहा कि बोर्ड की कार्यप्रणाली में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग कर डिजिटाइजेशन पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पेपर सेट करने से लेकर परीक्षाओं के आयोजन तक तकनीक का उपयोग पर बल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों में पारदर्शिता रखने और नकल पर नियंत्रण रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा हर केंद्र में हो और उनका कंट्रोल सेंटर बोर्ड में स्थापित किया जाए।
डिजिलॉकर में प्रमाण पत्र
डा. निपुण जिंदल बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष और उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि शिक्षा बोर्ड विद्यार्थियों की सुविधा के लिए आने वाले समय में सारे प्रमाण पत्रों को डिजिलॉकर से जोड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इससे जहां बच्चों को अपने सर्टिफिकेटस् सुरक्षित रखने में सहायता होगी। इस दौरान सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड मेजर विशाल शर्मा, एसडीएम धर्मशाला धर्मेश रमोत्रा सहित स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।