शिमला
बिजली परियोजनाओं को अब वाटर सेस देना होगा। जलशक्ति विभाग ने इस प्रस्ताव पर काम शुरू कर दिया है। विभाग में राजस्व बढ़ाने को लेकर हुई चर्चा के बाद यह सुझाव सामने आया था। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विभाग के आलाधिकारियों को इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम करने के आदेश दिए हैं। जलशक्ति विभाग की पहली समीक्षा बैठक में तमाम अन्य मसलों के साथ ही राजस्व बढ़ोतरी पर सुझाव रखे थे। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि पावर प्रोजेक्ट पर वाटर सेस लगाए जाएंगे। इसके अलावा जलशक्ति विभाग टेंडर प्रक्रिया को लेकर पारदर्शी पॉलिसी बनाने जा रहा है। इसमें विभाग अब छोटे टेंडर करवाने पर जोर देगा। यह टेंडर प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी।
बड़े ठेकेदारों को टेंडर बांटने के काम में कटौती की जाएगी। मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा कि जिन भी क्षेत्रों में पानी के मुख्य स्रोतों के आसपास माइनिंग की जा रही है, उन पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि माइनिंग करने वालों पर सीधे एफआईआर दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि हमीरपुर प्रकरण के बाद पहली एफआईआर दर्ज भी कर ली गई है। अन्य जिलों में भी अब खनन की जांच होगी। उन्होंने कहा कि खनन को सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की श्रेणी में गिना जाएगा।
सही किराया तय करना हमारा काम
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने कहा है कि ट्रक ऑपरेटर और सीमेंट कंपनी के बीच चल रहे विवाद में परिवहन विभाग का सीधा नाता नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग ट्रक ऑपरेटरों के लिए किराए का निर्धारण करता है। किराया तमाम मानकों को ध्यान में रखते हुए तय किया जाता है। उन्होंने कहा कि ट्रक ऑपरटरों और सीमेंट कंपनी के बीच चल रहे विवाद को निपटाने में प्रदेश सरकार प्रयास कर रही है। इसमें मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू विशेष ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही इस विवाद को निपटा लेगी।