शिमला। प्रदेश में मानसून की हो रही बारिश से दुश्वारियां बरकरार हैं। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई हिस्सों में मेघ जमकर बरसे हैं। बुधवार को शिमला में 51 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि पिछले 24 घंटों में शिमला में 3 सैंटीमीटर बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार वीरवार को भारी बारिश, ओलावृष्टि का यैलो अलर्ट रहेगा जबकि प्रदेश में 4 जुलाई तक मौसम खराब रहेगा और 2 जुलाई तक यैलो अलर्ट रहेगा। बुधवार को चम्बा में अधिकतम तापमान 34.7 डिग्री रहा है और अधिकतम तापमान में -2.3 डिग्री की गिरावट आई है, जबकि केलांग में 10.7 डिग्री न्यूनतम तापमान रहा है। राजधानी शिमला में अधिकतम तापमान 22.4 डिग्री रहा और सामान्य से -1.5 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों में राज्य में अनेक स्थानों पर वर्षा हुई है। इस दौरान सिरमौर में भारी वर्षा हुई है।
इसके अलावा शिमला, सोलन, कुल्लू, बिलासपुर, चम्बा व कुल्लू में खूब मेघ बरसे हैं। धौलाकुआं में 7, डल्हौजी में 3, बरठीं में 3, शिमला में 3, सेओबाग में 2, नाहन में 2, धर्मपुर में 2, कसोल में 2, नयनादेवी में 1, रेणुका में 2, चुवाड़ी में 1, मशोबरा में 1, जाटन बैराज में 1, सलूणी में 1, बीबीएमबी में 1, पच्छाद में 1, भरमौर में 1, मनाली में 1, तीसा में 1, खदराला में 1 व कसौली में 1 सैंटीमीटर वर्षा हुई है। बुधवार को शिमला में 51, बिलासपुर में 0, हमीरपुर में 2, चम्बा में 1, डल्हौजी में 29, कुफरी में 10.5, नारकंडा में 11.5, सेओबाग में 0.5 व मशोबरा में 44 मिलीमीटर वर्षा हुई है। हिमाचल में मानसून ने धमाकेदार शुरूआत की है। शिमला में दोपहर बाद हैवी रेनफॉल हुआ। कुछ ही समय में शिमला में 51 मिलीमीटर बारिश हुई। इससे स्मार्ट सिटी शिमला की सड़कें तालाब में तबदील हो गईं। जगह-जगह लैंड स्लाइड की घटनाएं पेश आने से कई घरों, गाड़ियों व रास्तों को नुक्सान हुआ है। उधर, कुल्लू की मणिकर्ण घाटी के शुंकचंग में बीती रात 3 बजे के करीब आसमानी बिजली गिरने से लगभग 150 के करीब भेड़-बकरियों की मौत हो गई, वहीं भेड़पालक भी घायल हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक 5 दिनों में 19 लोगों की मौत हुई है और 34 लोग घायल हुए हैं, जबकि 2 अरब 19 करोड़ रुपए की संपत्ति को नुक्सान हुआ है। जल शक्ति विभाग को 100.97 करोड़, लोक निर्माण विभाग को 90.50 करोड़ और बागवानी विभाग को 26.22 करोड़ रुपए की क्षति हो चुकी है। राज्य में 1635 पेयजल व सिंचाई योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जबकि 127 सड़कें बंद पड़ी हुई हैं।