मंडरा रहे संकट के बादल, मौसम पर निर्भर किन्नर कैलाश यात्रा

Update: 2022-07-31 09:02 GMT
किन्नौर: इस साल होने वाली किन्नर कैलाश यात्रा (Kinner Kailash Yatra) पूरी तरह से मौसम पर निर्भर है. यात्रा 1 से 15 अगस्त तक चलेगी. अगर 15 अगस्त तक मौसम साफ रहा तो यात्रा में कोई दिक्कत पेश नहीं आएगी. लेकिन बीते 10 दिनों से मौसम लगातार खराब बना हुआ है. मौसम विभाग ने भी अगले कुछ दिनों तक अलर्ट जारी किया है. ऐसे में अगर 15 अगस्त मौसम खराब रहा तो इस बार भी यात्रा रद्द हो सकती है.कोरोना के चलते पहले ही बीते दो साल से किन्नर कैलाश यात्रा (kinner kailash trek) नहीं हो पाई थी. इस बार शुरू होने से पहले ही यात्रा पर काले बादल मंडराते दिख रहे हैं. यात्रा को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने भी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. पंजीकरण और मेडिकल जांच के बाद ही देशभर के श्रद्धालु यात्रा पर जा सकेंगे. इस जोखिम भरी यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरा खाका तैयार किया गया है. यदि मौसम खराब रहा तो इस यात्रा को 4 अगस्त से भी शुरू की जा सकता है.एसडीएम कल्पा डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता ने बताया कि जिन यात्रियों ने ऑनलाइन व ऑफलाइन किन्नौर कैलाश यात्रा के लिए बुकिंग करवाई है, उनका यात्रा से एक दिन पहले तांगलिग बेस कैंप पहुंचना अनिवार्य होगा. उन्होंने कहा कि यात्रा से एक दिन सभी यात्रियों का मेडिकल चेकअप किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मेडिकल चेकअप सुबह 9ः30 बजे से शाम 4 बजे तक किया जाएगा. इसके अलावा एसडीएम ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि यदि मौसम खराब होता है, तो किन्नौर कैलाश यात्रा 4 अगस्त से भी आरंभ की जा सकती है.उन्होंने सभी यात्रियों से आग्रह किया कि वे इस दौरान सफाई व्यवस्था बनाए रखने में अपना विशेष सहयोग दें. साथ ही मार्ग में आने वाली विभिन्न वनस्पतियों को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचाए.
बता दें कि श्रद्धालुओं को करीब 17 किमी की चढ़ाई चढ़ने के बाद महादेव के दर्शन होंगे. 6,050 मीटर की ऊंचाई पर श्रद्धालु महादेव के दर माथा टेकेंगे. किन्नौर जिले के तांगलिंग गांव से करीब 9 किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़ने के बाद पहले दिन श्रद्धालुओं को गणेश पार्क पहुंचना होगा.यहां जिला प्रशासन और तांगलिंग गांव के ईष्ट देवता परका शांगकरेस किन्नौर कैलाश यात्रा (kinner kailash yatra 2022) संचालन कमेटी ने श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए गणेश पार्क और शाकार नामक जगह पर अस्थायी शिविरों की व्यवस्था की है. दूसरे दिन गणेश पार्क से आठ किमी की खड़ी चढ़ाई चढ़कर शिवलिंग के दर्शन संभव होंगे. श्रद्धालुओं को पूजा-अर्जना और दर्शन के बाद वापस गणेश पार्क लौटना होगा. तीसरे दिन यात्रा समाप्त कर लौटना होगा.
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