बौद्व धर्मगुरु दलाईलामा ने नववर्ष के लिए लोसर की दी शुभकामनाएं
तिब्बती समुदाय के 2149वें तिब्बती नववर्ष का गुरुवार को शुभारंभ हो गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तिब्बती समुदाय के 2149वें तिब्बती नववर्ष (लोसर) का गुरुवार को शुभारंभ हो गया है। करीब एक सप्ताह तक चलने वाले इस त्योहार को अब न केवल तिब्बती समुदाय के लोग बल्कि स्थानीय लोग भी एक दूसरे को बधाई देकर मनाते हैं। इस दौरान कारोबारियों को भी लोसर पर अच्छे कारोबार की आस रहती है। गुरुवार को इस खास मौके पर दलाईलामा टेंपल के द्वार भी लंबे समय के बाद खुल गए। इस त्योहार में तिब्बती समुदाय के लोग अपने तरीके से पूजा पाठ भी करते हैं। लोसर के मौके पर गुरूवार को बौद्व धर्मगुरु दलाईलामा ने धर्मशाला के मकलोडगंज स्थित अपने निवास से तिब्बती समुदाय को बधाई दी है।
धर्मगुरु ने अपने संदेश में कहा कि मैं आर्य अवलोकितेश्वर के पवित्र शरीर, वाणी और मन के शारीरिक, मौखिक और मानसिक प्रतिनिधि के रूप में रहता हूं। कई सालों से मैंने खुद को इसी तरह से संचालित किया है और मुझे विश्वास है कि मैं अगले दशक या उससे अधिक समय तक ऐसा ही बना रहूंगा। तिब्बती परंपरा के हिस्से के रूप में, हम लोसर की वेदी पर चेमार (मक्खन-भुना हुआ जौ का आटा) और अन्य प्रसाद की व्यवस्था करते हैं। लोसर में हम ताशी देलेक के साथ लोगों का अभिवादन करते हैं यानि नए साल के लिए शुभकामनाएं। नए साल के दिन को हर कोई आम तौर पर उत्सव और अच्छे उत्साह के साथ मनाता है। सभी तिब्बती, चाहे निर्वासन में रह रहे हों, या विदेशों में खासकर तिब्बत के भीतर रह रहे तिब्बतियों के लिए बेहतर कल की प्रार्थना करते हैं।