धर्मशाला से बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने की अपना बयान जारी, 'परमाणु हथियारों का खतरा खत्म करने के लिए ठोस प्रयास जरूरी'
दुनिया के परमाणु शक्ति संपन्न पांच देशों अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन के परमाणु युद्ध को लेकर दिए गए संयुक्त बयान की बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने सराहना की है।
दुनिया के परमाणु शक्ति संपन्न पांच देशों अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन के परमाणु युद्ध को लेकर दिए गए संयुक्त बयान की बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने सराहना की है। दो दिन पहले पांचों देशों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा था कि परमाणु युद्ध से कोई जंग नहीं जीती जा सकती है। इसके बाद दलाईलामा ने धर्मशाला से अपना बयान जारी कर कहा कि दुनिया भर में विसैन्यकरण और सभी परमाणु हथियारों के उन्मूलन के लिए यह एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि हम सभी संयुक्त राष्ट्र और उसके सदस्य राष्ट्रों सहित परमाणु हथियारों के खतरे को समाप्त करने के लिए ठोस प्रयास करें और खुद को पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए समर्पित करें।
धर्मगुरु ने कहा कि कई बड़ी विकासात्मक घटनाओं के बावजूद 20वीं शताब्दी हिंसा का युग था। इसमें परमाणु हथियारों के उपयोग की भयावहता भी शामिल थी। यह एक ऐसा समय था, जब कहा जाता है कि इस दौर में 20 करोड़ लोग मारे गए थे। पांच बड़े देशों का संयुक्त बयान इस वास्तविकता को दर्शाता है कि 21वीं सदी को शांति और सहयोग का युग बनाने का बेहतरीन अवसर है। दलाईलामा ने कहा कि वह मानवता की एकता में दृढ़ता से विश्वास करते हैं। वह सभी मनुष्यों की भलाई और सुरक्षा को ही सर्वोच्च मानते हैं। जब देशों के बीच कुछ विवाद हो भी जाए तो वे बातचीत के माध्यम से हल किए जाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि इतिहास पर्याप्त सुबूत देता है कि हिंसा कभी भी शांति की ओर नहीं ले जाती है।