बीजेपी को सिर्फ सत्ता से वास्ता, जनता के सरोकार की नहीं कोई परवाह : राजेंद्र राणा

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Update: 2022-07-22 09:56 GMT

हमीरपुर। बीजेपी के सिर्फ सत्ता हासिल करने के एजैंडे ने देश और प्रदेश को मध्यकालीन युग के सामंतवाद व तानाशाह अंग्रेजी हुकूमत के दौर में धकेला है। अंग्रेजों की हुकूमत के बाद पहली बार देश में अनाज पर लगान का वसूली का सिलसिला जारी किया गया है जोकि न लोकतंत्र के हक में है और न ही जनता के हक में है। यह बात प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रैस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि हैरानी यह है कि आम नागरिक महंगाई व बेरोजगारी से बिलबिला रहा है लेकिन सरकार और सरकार के मंत्री महंगाई को मुद्दा ही नहीं मान रहे हैं। राणा ने तंज कसते हुए कहा कि दरअसल आम नागरिक की मुश्किलों, परेशानियों से बीजेपी की सत्ता का कोई वास्ता ही नहीं है। बीजेपी के लिए सत्ता सिर्फ सुख का साधन है, जिसके लिए येन-केन प्रकरण से वह सत्ता हासिल करने के एजैंडे पर काम कर रही है।

लोकतंत्र में जनहित से बढ़कर कोई मुद्दा और मसला नहीं
राणा ने कहा कि लोकतंत्र में जनहित से बढ़कर कोई मुद्दा और मसला नहीं होता है लेकिन हैरानी यह है कि बीजेपी के लिए यह कोई मुद्दा नहीं है। बीजेपी की केंद्र व प्रदेश की सरकार पूरी तरह गरीब विरोधी है। सरकार के एक्ट और कंडक्ट से यह साबित हो चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले 100 दिनों और 100 महीनों में राहत के दावे देने वाली बीजेपी के राज में महंगाई लगातार बढ़ी है, जोकि जनता के लिए आफत साबित हुई है। राणा ने कहा कि तानाशाह बीजेपी राष्ट्रवाद के नाम पर जनता से धोखा करते हुए देश को पूंजीवाद के दौर में धकेल रही है। जो योजनाएं पूंजीवाद के हक में हैं उन योजनाओं को जबरन पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए जबरन जनता पर थोप रही है। लोकतंत्र में सरेआम झूठ बोलकर जनता से लगातार दगा कर रही है। सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण अब पैकेजिंग सामग्री पर बढ़े जीएसटी के विरोध में प्रदेश के किसान-बागवान सड़क पर उतरे हैं। राज्य सचिवालय के घेराव की धमकी दे रहे हैं लेकिन सरकार उनकी एक नहीं सुन रही है।
तो देश को गुलामी के दौर में धकेल कर ही दम लेगी बीजेपी
राणा ने आह्वान किया है कि जनता अब भी नहीं संभली तो बीजेपी देश को गुलामी के दौर में धकेल कर ही दम लेगी और देश पूंजीपतियों की गुलामी करने के लिए मजबूर हो जाएगा। बीजेपी के गजब के झूठे विकास के दावों के बीच पूंजीपति अडानी अमीरी में बिल गेट्स से आगे निकल गया है जबकि देश गरीबी में नाइजीरिया से भी पीछे जा पहुंचा है, ऐसे में बीजेपी के शासन की जमीनी हकीकत खुद-ब-खुद बयान हो रही है। उन्होंने कहा कि पूंजीवाद के दौर में बैंकों के हजारों करोड़ों के पूंजीपति कर्जदार या तो देश छोड़कर भाग लिए हैं या फिर सरकार ने उन पर दरियादिली दिखाते हुए उनके हजारों-लाखों करोड़ों के कर्जे माफ किए हैं जबकि आम आदमी को बैंक से कर्जा लेने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और अगर कर्जा मिल भी जाए तो बैंक की औपचारिकताएं व दबाव आम जनता को लगातार परेशान करते रहते हैं।

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