हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला, 750 और स्कूलों में शुरू होंगी नर्सरी-केजी की कक्षाएं
हिमाचल प्रदेश में प्री प्राइमरी स्कूलों का दायरा बढ़ाया जाएगा। 750 और स्कूलों में नर्सरी और केजी की कक्षाएं शुरू करने की तैयारी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश में प्री प्राइमरी स्कूलों का दायरा बढ़ाया जाएगा। 750 और स्कूलों में नर्सरी और केजी की कक्षाएं शुरू करने की तैयारी है। अभी चार हजार स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं लग गई हैं। इसके अलावा छठी से आठवीं कक्षा में प्री वोकेशनल शिक्षा भी दी जाएगी। इन योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग के 980 करोड़ रुपये के प्लान को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। शिक्षा विभाग की ओर से केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रोजेक्ट अप्रूबल बोर्ड की 25 अप्रैल को नई दिल्ली में होनी वाली बैठक में प्रदेश के प्लान पर चर्चा करने के बाद बजट मंजूर होगा। बता दें कि प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा प्राइमरी स्कूल हैं।
इनमें से 4000 स्कूलों में प्री प्राइमरी के तहत नर्सरी-केजी कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। शुक्रवार को सचिवालय में हुई शिक्षा विभाग की बैठक में प्रोजेक्ट अप्रूबल बोर्ड के लिए प्लान भेजने को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। प्रधान सचिव शिक्षा डॉ. रजनीश की अध्यक्षता में हुई बैठक में 980 करोड़ रुपये का प्लान मंजूर किया गया। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में प्री प्राइमरी कक्षाओं की संख्या और अधिक बढ़ाने का फैसला लिया गया है। छठी से आठवीं कक्षा तक प्री वोकेशनल शिक्षा विद्यार्थियों को दी जाएगी। नौवीं कक्षा से स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा दी जा रही है। छठी कक्षा से ही विद्यार्थियों में वोकेशनल शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाई जाएगी। विद्यार्थियों को अंग्रेजी भाषा में निपुण बनाने के लिए विशेष लैब बनाई जाएंगी। कंप्यूटर शिक्षा के लिए आईसीटी लैब को और अधिक मजबूत किया जाएगा।