मजदूरों की बोर्ड सदस्यता रद्द करने पर रोष

Update: 2023-10-08 12:27 GMT
रामपुर बुशहर। मनरेगा व निर्माण मजदूर यूनियन ने मनरेगा मजदूरों की बोर्ड की सदस्य्ता रदद् करने व तीन सालों से लंबित पड़े लाभों को लेकर श्रमिक कल्याण बोर्ड कार्यालय रामपुर का घेराव किया। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू जिला अध्यक्ष कुलदीप डोगरा, यूनियन जिला महासचिव अमित ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले मनरेगा मजदूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर करने का फैसला 12 दिसंबर 2022 को लिया। बोर्ड में मजदूरो का पंजीकरण और नवीनीकरण का काम पिछले नौ महीनों से बंद पड़ा है। बोर्ड से मिलने वाली सहायता राशि पिछले तीन सालों से लंबित है।
जिस कारण हिमाचल प्रदेश के कुल चार लाख 48 हजार मजदूर प्रभावित हो रहे हैं। सीटू से संबंधित निर्माण एवं मनरेगा मजदूर यूनियन हिमाचल प्रदेश में बनी कांग्रेस पार्टी की सरकार को इसके लिए जिम्मेवार मानती है ,क्योंकि उसने इस सारे काम को रोका है। सरकार के मजदूर विरोधी फैसले के कारण मजदूरों को बच्चों की शिक्षा के लिए मिलने वाली राशि, विवाह, चिकित्सा, मृत्यु व अन्य सहायता पूरी तरह बंद है। यह वास्तव में भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कानून 1996 की उल्घंना है। यूनियन ने सरकार को चेताया कि अगर आने वाली बोर्ड की बैठक में मनरेगा मजदूरों की सदस्य्ता की बहाली और लंबित पड़े लाभ जारी नहीं किए गए तो यूनियन आने वाले समय प्रदेश सरकार के खिलाफ अनिश्चित कालीन प्रदर्शन शुरू करेगी।
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