नौणी। 69वें राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह के तहत डा. यशवंत सिंह परमार औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के सिल्विकल्चर एवं एग्रोफोरेस्ट्री विभाग द्वारा दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित समापन सत्र के दौरान कार्यवाहक कुलपति एवं विस्तार शिक्षा निदेशक डा. इंद्रदेव मुख्यातिथि रहे। सिल्विकल्चर और एग्रोफोरेस्ट्री विभाग के प्रोफेसर और हैड डा. डीआर भारद्वाज ने बताया कि वन्यजीव सप्ताह मनाने के लिए विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि भारत में वन्यजीवों के महत्व और उनके संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए राष्ट्रीय वन्यजीव सप्ताह हर वर्ष दो से आठ अक्तूबर तक पूरे भारत में मनाया जाता है। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए डा. इंद्र देव ने भारत में वन्यजीव प्रजातियों के संरक्षण के लिए चलाए जा रही कई परियोजनाओं के तहत किए गए कार्यों की सराहना की। भारतीय संस्कृति ऐसे उदाहरणों से भरी है जो हमें पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि वन्यजीव पूरे पारिस्थितिकी तंत्र का एक अभिन्न अंग हैं और संरक्षण में सफलता के लिए सभी के प्रयासों की आवश्यकता है।
2014 बैच के आईएफएस अधिकारी डीएफओ सोलन कुणाल अंगरीश कार्यक्रम के दौरान अतिथि वक्ता रहे। उन्होंने दुनिया भर से कई पर्यावरण और वन्य जीव संरक्षक कार्यकर्ताओं के उदाहरण साझा किए। इस मौके पर मुख्यातिथि ने वन्यजीव सप्ताह समारोह के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार दिए। नारा लेखन में अक्षिता ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया जबकि विशाल और अंश दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। पोस्टर मेकिंग में नव्या ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। प्रिया और अदिति दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं। पेंटिंग में रशिक पहले स्थान पर रहे, जबकि इरम और विपिन ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। डेक्लामेशन में नव्या ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि शैफाली और सिया ने दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। इस कार्यक्रम में डीन कालेज ऑफ हॉर्टिकल्चर डा. मनीष शर्मा, कार्यवाहक डीन कालेज ऑफ फॉरेस्ट्री डा. एचपी सांख्यान, आईएफएस अधिकारी समीर राज सहित दोनों कालेजों के संकाय और छात्रों ने लिया भाग।