Dharamsala धर्मशाला: केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (सीटीए) ने रविवार को यहां भारत का 76वां गणतंत्र दिवस मनाया, जो 1950 में उस दिन की याद दिलाता है जब भारत का संविधान लागू हुआ था। इस समारोह में शिक्षा मंत्री सिक्योंग थारलाम डोलमा चांगरा, डिप्टी स्पीकर डोलमा त्सेरिंग तेखांग, सूचना और अंतर्राष्ट्रीय संबंध मंत्री नोरज़िन डोलमा के अलावा सीटीए सचिवों सहित वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
ध्वजारोहण समारोह के बाद, चांगरा ने तिब्बती लोगों की ओर से भारत सरकार और लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। अपने संबोधन में डोलमा ने कहा, "हर साल 26 जनवरी को मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस, उस दिन को चिह्नित करता है, जिस दिन भारत ने 1950 में अपना संविधान अपनाया था। यह बहुत बड़ा राष्ट्रीय गौरव का दिन है, जो भारत की लोकतांत्रिक नींव और संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता और समानता के मूल्यों का प्रतीक है।"
उन्होंने निर्वासित तिब्बतियों और तिब्बत के अंदर रहने वाले तिब्बतियों की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा, "हम तिब्बती लोग, इस शुभ अवसर पर भारत सरकार और उसके लोगों को हार्दिक बधाई देते हैं। परम पावन 14वें दलाई लामा ने हमेशा हमें भारत के अटूट समर्थन और निर्वासित तिब्बती समुदाय की मेजबानी के लिए अपना आभार व्यक्त करने की याद दिलाई है।"
डोलमा ने भारत की लोकतांत्रिक प्रथाओं पर प्रकाश डाला और कहा कि "भारत पड़ोसी देशों के लिए लोकतंत्र का एक बेहतरीन उदाहरण है। स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से, भारत ने नेतृत्व के सुचारु परिवर्तन और अपने संविधान के विकास को देखा है, जिससे समावेशिता और प्रगति सुनिश्चित हुई है"।
उन्होंने भारत की विविधता में एकता की प्रशंसा करते हुए कहा, “अपनी विशाल आबादी, अपने राज्यों में विविध भाषाओं, धर्मों और संस्कृतियों के साथ, भारत लोकतंत्र की सुंदरता का उदाहरण है और भारत को इस परंपरा को बनाए रखने में गर्व महसूस करना चाहिए।” समारोह का समापन सभी उपस्थित लोगों को चाय और डोनट्स परोसने के साथ हुआ, जिससे एक गर्मजोशी भरा और उत्सवी माहौल बना और तिब्बती समुदाय ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारत के प्रति अपनी कृतज्ञता और एकजुटता व्यक्त की।
(आईएएनएस)