एसीसी में 15 दिसम्बर से काम पर न आने का फरमान
एसीसी बरमाणा प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों और कामगारों को 15 दिसम्बर से काम पर न आने का फरमान जारी हुआ है। जब तक हालात में सुधार नहीं आता तब तक काम पर न लौटें और आदेश का इंतजार करें। सिर्फ आपातकालीन सेवाओं में सुरक्षा कर्मचारी, बिजली व पानी विभाग ही सेवाएं देगा। यह नोटिस एसीसी प्रबंधन ने आज बुधवार को शाम 5 बजे सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को वितरित कर दिए हैं। उधर अम्बुजा सीमैंट प्लांट अब अदानी ग्रुप का है। कंपनी ने सीमैंट, क्लिंकर व कच्चे माल की ढुलाई में लगी एसडीटीओ, बाघल लैंड लूजर्ज, एडीकेएम, गोल्ड लैंड लुजर्ज, एक्स जेडएसबीएस, केएलएलटी व एमएएलएल सोसायटियों को मालभाड़े के रेट कम करने के लिए पत्र लिखा था। कंपनी का स्पष्ट कहना था कि वह वर्तमान रेट पर माल ढुलाई करने का तैयार नहीं है क्योंकि इसके कारण सीमैंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है। परिवहन लागत अधिक होने के कारण कंपनी को बहुत नुक्सान उठाना पड़ रहा है। यदि यही स्थिति बनी रही तो सीमैंट उत्पादन को ही बंद करना पड़ेगा।
नोटिस में लिखा
एसीसी प्रबंधन की ओर से जारी नोटिस में लिखा गया है परिवहन और कच्चे माल की लागत में वृद्धि और बाजार की मौजूदा स्थिति के कारण सीमैंट की ढुलाई में भारी कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप सीमैंट का बहुत खराब प्रेषण हुआ। इसने हमारे बाजार हिस्से पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है और इसके परिणामस्वरूप कंपनी को भारी वित्तीय नुक्सान उठाना पड़ रहा है। उपरोक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन संयंत्र के संचालन और गगाल सीमैंट प्लांट से संबंधित सभी गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के लिए मजबूर है। इसलिए सभी कर्मचारी अगले निर्देश तक तत्काल प्रभाव से ड्यूटी पर उपस्थित न हों। एसीसी प्रबंधन ने सभी से इस संबंध में सहयोग करने का अनुरोध किया है। उधर, दाड़लाघाट में अंबुजा कंपनी के द्वारा एक पत्र उपायुक्त महोदय और दाड़ला घाट की ट्रांसपोर्ट सोसायटिओं को जारी किया गया, जिसमें ट्रांसपोर्टरों को भाड़ा कम करने और पुरानी दरों पर माल ढुलाई करने के बारे में कहा गया। साथ ही कंपनी द्वारा यह भी जताया गया यदि आप पुराने दरों पर माल ढुलाई नहीं करेंगे तो बाहरी राज्यों से ट्रांसपोर्ट को बुलाकर कंपनी द्वारा कार्य किया जाएगा।
4 हजार ट्रकों के थमेंगे पहिए
वीरवार से एसीसी फैक्टरी बरमाणा के बंद हो जाने से अब ट्रक परिवहन पर निर्भर बरमाणा से लेकर स्वारघाट तक छोटे-छोटे दुकानदार से लेकर बड़े व्यवसायियों पर भी असर पड़ेगा। एसीसी की गागल इकाई में 4 हजार ट्रकों के पहिए घूम रहे थे। वहीं उनके साथ जुड़े ट्रक चालक व परिचालक तथा मैकेनिक के अलावा एसीसी में 300 कर्मचारी काम कर रहे हैं, वहीं 900 कामगार कांट्रैक्टर के अधीन जुड़े हैं। अडानी समूह पिछले कई दिनों से यह बात कह रहा था कि एसीसी की गागल इकाई घाटे में चल रही है और सुधार के संकेत भी नजर नहीं आ रहे हैं। उधर अंबुजा कंपनी में 7 ट्रक ऑप्रेटर सोसायटियों में कार्यरत करीब 3 हजार ट्रक आप्रेटरों के सामने में एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है।