हिमाचल के नौ जिलों में 44022 मवेशी लंपी संक्रमण की चपेट में, हर रोज 100 पशुओं की मौत, सवा लाख का टीकाकरण
हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस का संक्रमण जारी हैं। प्रदेश में लंपी वायरस के कारण रोजाना 100 के करीब पशुओं की मौत हो रही हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस का संक्रमण जारी हैं। प्रदेश में लंपी वायरस के कारण रोजाना 100 के करीब पशुओं की मौत हो रही हैं। वहीं, लंपी वायरस पर भाजपा व कांग्रेस के बीच राजनीति का दौर शुरू हो गया हैं। भाजपा सह-मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि कांग्रेस एक बार फिर लंपी वायरस पर नकारात्मक राजनीति कर अपना दोहरा चेहरा जनता के सामने आई है। श्री नंदा के कहा कि लंपी वायरस को लेकर सरकार द्वारा 18 अगस्त को एक अधिसूचना जारी की गई थी। इस अधिसूचना के अनुसार समस्त जिला के जिलाधीशों को प्राधिकृत अधिकारी घोषित किया है ।
इसके साथ ही पशुओं के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। अधिसूचना जारी होने से राजस्व विभाग की राहत पुस्तिका के अनुसार मृत पशुओं के मालिकों को मुआवजा उपलब्ध होगा। दो सितंबर को सभी जिलों से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक हिमाचल के नौ जिलों में कुल 44,022 पशु इस रोग से ग्रसित पाए गए । इनमें 1623 गोवंश की मृत्यु दर्ज की गई है तथा अब तक 14820 पशु ठीक भी हो चुके हैं । प्रभावित क्षेत्रों के आसपास पांच किलोमीटर के दायरे में रोग प्रतिरोधी टीकाकरण किया जा रहा है। अब तक 1,21,080 पशुओं को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। सभी जिलों में रोगी पशुओं के उपचार के लिए दवाइयां उपलब्ध हैं और वैक्सीन खरीदने के लिए 12 लाख रुपए की अतिरिक्त धनराशि जारी कर दी गई है । पशुपालन विभाग के प्रयासों से शीघ्र ही इस रोग पर नियंत्रण पा लिया जाएगा
राजस्थान में सबसे ज्यादा मौतें
लंपी वायरस से सबसे ज्यादा मौतें राजस्थान में हुई हैं। वहां के सरकारी आंकड़ों में 45 हजार से ज्यादा पशुओं की मौत हो चुकी है, लेकिन मुकेश अग्निहोत्री को यह दिखाई नहीं देता । हां , उन्हें हर बार किसी बीमारी पर राजनीति करनी हैं क्योंकि उन्हें आपदा में भी वोट बैंक दिखाई देता है। अच्छा होता यदि मुकेश अग्निहोत्री के पास कोई सुझाव हैं, तो वो ये सुझाव राजस्थान को भी देते ताकि पशुओं की मौत न होती ।