5,644 करोड़ से बनेंगे 13 विश्व स्तरीय रोपवे, हिमाचल सरकार बड़ा फैसला

हिमाचल प्रदेश में 5,644 करोड़ से 111.65 किमी लंबे 13 विश्व स्तरीय रोपवे बनेंगे।

Update: 2021-12-25 13:53 GMT

हिमाचल प्रदेश में 5,644 करोड़ से 111.65 किमी लंबे 13 विश्व स्तरीय रोपवे बनेंगे। केंद्रीय भूतल एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने अधिकारिक फेसबुक पेज पर इसकी जानकारी दी है। इन रोपवे में बिलासपुर की बंदला धार से लुहणू तक के तीन किलोमीटर रोपवे को भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही मनाली, पालमपुर, चंबा, बिलासपुर और सोलन में नए रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है। इन रोपवे की घोषणा के बाद अब प्रदेश में नए साल से पर्यटन के साथ रोजगार को भी मिलेगा बढ़ावा मिलेगा। वहीं वर्फीले क्षेत्रों में यह रोपवे लोगों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं। शिमला, कुल्लू, मनाली और धर्मशाला सहित प्रदेश के 13 इलाकों में रोपवे का निर्माण होगा। रोपवे निगम ने करीब 50 साइटें स्वीकृति के लिए एनएचएआई को भेजी थीं। जिनमें से 13 को मंजूरी मिली है। परिवहन मंत्री गडकरी ने ट्वीट में लिखा है कि हिमाचल प्रदेश के पांच टूरिज्म कॉरिडोर को भी सड़क से जोड़ा जाएगा।

कहां-कहां बनेंगे रोपवे
धर्मशाला में 14 किलोमीटर लंबा रोपवे बनेगा और इस पर 800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसी तरह कुल्लू में मनाली से लंबादुग के लिए 2.7 किमी रोपवे पर 162 करोड़ रुपये खर्च होंगे। बिलासपुर में लुहणू मैदान के पास से बंदला की पहाड़ियों के लिए तीन किलोमीटर रोपवे निर्माण होगा और इसपर 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शिमला में 1200 करोड़ रुपये की लागत से 22.4 किमी लंबा रोपवे बनेगा। शिकारी देवी-भाटकीधार में रोपवे बनेगा, जिस पर 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। शिमला के नारकंडा से प्रसिद्ध हाटू पीक के लिए तीन किमी लंबे रोपवे पर 172 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सिरमौर के धार्मिक स्थल चूड़धार के लिए आठ किमी लंबे रोपवे पर 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
यह आठ के नाम पहली बार आए सामने
भनौती से किलाड़ पांगी, प्रीणी से हाम्टा पास, मनाली, पालमपुर-ठथरी-चुन्जा ग्लेशियर, कसौली, मनाली से लंबादुग, लुहणू से बंदला और शिमला शहर में बनने वाले रोपवे के नाम पहली बार सामने आए हैं। इसके अलावा अन्य रोपवे पर पहले भी पर्यटन विभाग की तरफ से चर्चा होती रही है।
बर्फीले इलाकों के लिए बनेंगे वरदान, पर्यटन को लगेंगे पंख
भनौती से किल्लाड़ पांगी का क्षेत्र बर्फबारी की वजह से साल में छह माह बंद रहता है। वहीं प्रीणी-हम्टा पास ग्लेशियर, पालमपुर-चुन्जा ग्लेशियर, मनाली के बर्फीले क्षेत्र में रोपवे बनने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इन क्षेत्रों से वर्फबारी के बाद भी संपर्क बना रहेगा और लोगों को आवाजाही के लिए सड़क मार्गों के लंबे फेर से राहत मिलेगी। वहीं यह रोपवे पालमपुर में सीधे ग्लेशियर तक पहुंचाएगा।
रोपवे एंड ट्रैफिक के राज्य इंचार्ज अजय शर्मा ने कहा कि विभाग की तरफ से 13 रोपवे का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। नितिन गडकरी ने मनाली दौरे के दौरान इन्हें बनाने की घोषणा भी की थी। अभी तक उनके पास अप्रूवल नहीं पहुंचा है। अप्रूवल पहुंचने के बाद इस पर कार्य शुरू किया जाएगा।
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