Volcano. ज्वालामुखी। पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश धवाला की पार्टी के नेताओं से नाराजगी और उनकी बयानबाजी प्रदेश भर में सुर्खियां बटोर रही है। इससे पार्टी हाइकमान की चिंता भी बढ़ गई है। अब रमेश धवाला जल्द ही ज्वालामुखी में एक बहुत बड़ा सम्मेलन करने जा रहे हैं। उसमें ओबीसी से संबंधित प्रदेश भर के नेता और भाजपा से नाराज लोगों के भाग लेने की उम्मीद जताई जा रही है। रमेश धवाला के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर द्वारा उन्हें पार्टी के ही किसी प्लेटफॉर्म पर बात करने की सलाह दी गई है। इस पर रमेश धवाला ने कहा कि जयराम ठाकुर और बिक्रम ठाकुर उन्हें कौन से प्लेटफॉर्म पर बात करने के लिए कह रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि सभी प्लेटफॉर्म पर उन्होंने पहले ही ताले लगवा रखे हैं। रमेश धवाला ने कहा किी उन्हें अपना जिगरी दोस्त कहने वाले जयराम ठाकुर ने अच्छी दोस्ती निभाई है। उनका यह बयान कि रमेश धवाला को उन्होंने चुनाव हारने के बाद भी कैबिनेट रैंक देकर सम्मान दिया था, बड़ा हास्यास्पद है, क्योंकि उनको इतना ही पता नहीं कि उनकी सरकार में कौन विधायक जीता है और कौन हारा है, तो उनसे और क्या उम्मीद की जा सकती है।
वहीं, उन्हें अपना बड़ा भाई कहने बाले बिक्रम ठाकुर ने भी छोटे भाई का खूब फर्ज निभाया है, जिन्होंने उनके लिए जिला भाजपा कार्यालय के दरवाजे तक बंद करवा दिए। उन्होंने कहा कि ऐसी दोगली राजनीति नहीं करनी चाहिए। रमेश धवाला ने कहा कि यदि उन्हें पता होता कि भाजपा के लोग उनके साथ जीवन के आखिरी पड़ाव में इस तरह का सौतेला व्यवहार करेंगे, तो वह गलती से भी भाजपा को समर्थन नहीं देते। उन्होंने 1998 में कांग्रेस सरकार को गिराकर और करोड़ों की पेशकश को ठोकर मारकर भाजपा की सरकार बनवाई, लेकिन भाजपा ने उन्हें उसका क्या सिला दिया। जयराम सरकार में उन्होंने पांच साल बड़ी मुश्किल से काटे हैं। उन्हें न केवल सरकार, बल्कि संगठन के लोगों ने भी जलील किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग यदि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और अन्य पार्टियों के लोगों को भाजपा में शामिल करके उन्हें टिकट देते जाएंगे, तो कौन पार्टी का काम करेगा भाजपा में आज हर कोई नेता और कार्यकर्ता अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज अटल बिहारी वाजपेयी और शांता कुमार जैसे नेताओं की भाजपा नहीं रह गई है।