जदरांगल में सेंट्रल यूनिवर्सिटी की जमीन पर होगी स्थापना, इसरो धर्मशाला में लगाएगी टेलिस्कोप
धर्मशाला
इसरो धर्मशाला में एक बड़ा टेलीस्कोप लगाने की तैयारी में है। इसके लिए बाकायदा भूमि चयन कर अगली प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस बड़े एवं महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर करीब 41 करोड़ से अधिक खर्च होंगे। केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश पहला ऐसा विश्ववविद्यालय होगा, जिसके साथ इसरो मिलकर इस बड़ी एवं महत्त्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रहा है। इसरो ने अपने नेत्रा प्रोजेक्ट के लिए सीयू के साथ एमओयू किया है। सीयू की टीम पर विश्वास करते हुए इसरो ने यह प्रोजेक्ट सौंपा है। इसके लिए प्रारंभिक कार्य के लिए करीब 15 लाख रुपए की राशि भी जारी कर दी है। सीयू के स्पेस सांइस विभाग की टीम ने टेस्टिंग शुरू कर दी है। शुरूआती दौर में एक दूरबीन स्थापित कर कार्य शुरू किया गया है।
यहां स्थापित होने वाले टेलिस्कोप से सेटेलाइट की सुरक्षा का बड़ा एवं महत्त्वपूर्ण कार्य किया जाएगा। यहां देखा जाएगा कि सेटेलाइट के आसपास कोई खतरा तो नहीं है। ऐसा होने पर धर्मशाला का यह केंद्र राष्ट्रीय सुरक्षा में अहम योगदान देने वाला है। सेटेलाइट के स्थापित होने पर यहां देश-दुनिया के लोग चांद, तारों एवं अन्य ग्रहों को देख सकेंगे और अध्ययन भी कर पाएंगे। प्रारंभिक दौर में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक और प्रोफेसर पर्यावरण संबंधी विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं, जब यहां ऑब्जरवेटरी स्थापित होगी, तो चांद-तारों से लेकर ग्रहों को देखना आसान हो जाएगा। यह अपने आप में बड़ी बात है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ इसरो ने इतना बड़ा प्रोजेक्ट साइन किया है। इससे स्पेस साइंस के छात्रों को रिसर्च में भी बड़ा लाभ मिलेगा। इससे एस्ट्रो टूरिज्म की संभानाएं बढ़ेंगी और देश-दुनिया के लोग यहां आएंगे। छात्रों के लिए भी यह अध्ययन का बड़ा केंद्र बनकर उभरेगा। बच्चों की स्पेस साइंस में रुचि बढ़ेगी और वह आसानी से बहुत सारी जानकारियां हासिल कर पाएंगे। इतना ही नहीं, यहां स्थापित होने वाला यह केंद्र रोजगार के साधन विकसित करने के अलावा कई तरह के अवसर पैदा करेगा। (एचडीएम)
केंद्रीय विश्वविद्यालय को मिला महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट
केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल का कहना है कि यह मात्र विश्वविद्यालय ही नहीं, समूचे हिमाचल व विश्वविद्यालयों के लिए गौरव की बात है कि सीयू हिमाचल पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जिसे यह प्रोजेक्ट मिला है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एवं अनेक नई संभावनाओं को जन्म देने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए विवि प्रशासन व स्पेस साइंस विभाग ने कड़ी मेहनत की है। इस परियोजना पर 41 करोड़ से अधिक खर्च होंगे। इसरो के साथ सीयू का समझौता होना बड़ी बात है। अभी प्रारंभिक दौर है, लेकिन जब यह परियोजना धरातल पर उतरेगी, तो धर्मशाला स्पेस साइंस में उतर भारत के एक बड़े केंद्र के रूप में विकसित होगा।