बैठक में सरकार की ओर से हमें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला: गुरनाम सिंह चढूनी
संयुक्त किसान मोर्चा (samyukt kisan morcha) के किसान नेताओं की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (farmers meeting with Manohar lal khattar) के साथ शुक्रवार को कई घंटों तक बैठक चली.
जनता से रिश्ता। संयुक्त किसान मोर्चा (samyukt kisan morcha) के किसान नेताओं की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (farmers meeting with Manohar lal khattar) के साथ शुक्रवार को कई घंटों तक बैठक चली. ये बैठक बेनतीजा रही. बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि बैठक में किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई. सरकार की ओर से हमें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. ये बैठक काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और दोनों ओर से किसी भी तरह का कोई तनाव नहीं था, लेकिन किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई. कल संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगे का फैसला लिया जाएगा.
बता दें कि, इस बैठक में किसान नेता गुरनाम चढूनी, अभिमन्यु कुहड़ व कई अन्य हरियाणा किसान संगठनों के नेता पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में सीएम के सामने संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों को रखा गया. इनमें मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा और सिंधु बॉर्डर पर शहीद किसानों का स्मारक बनाने की मांग शामिल है. किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग है. इसके अलावा अन्य मांगों पर भी मुख्यमंत्री चर्चा की गई. हालांकि ये बैठक बेनतीजा रही और इस बैठक में कोई हल नहीं निकला पाया.
चंडीगढ़: संयुक्त किसान मोर्चा (samyukt kisan morcha) के किसान नेताओं की हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (farmers meeting with Manohar lal khattar) के साथ शुक्रवार को कई घंटों तक बैठक चली. ये बैठक बेनतीजा रही. बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि बैठक में किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई. सरकार की ओर से हमें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला. ये बैठक काफी सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई और दोनों ओर से किसी भी तरह का कोई तनाव नहीं था, लेकिन किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई. कल संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में आगे का फैसला लिया जाएगा.
बता दें कि, इस बैठक में किसान नेता गुरनाम चढूनी, अभिमन्यु कुहड़ व कई अन्य हरियाणा किसान संगठनों के नेता पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में सीएम के सामने संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों को रखा गया. इनमें मारे गए किसानों को शहीद का दर्जा और सिंधु बॉर्डर पर शहीद किसानों का स्मारक बनाने की मांग शामिल है. किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग है. इसके अलावा अन्य मांगों पर भी मुख्यमंत्री चर्चा की गई. हालांकि ये बैठक बेनतीजा रही और इस बैठक में कोई हल नहीं निकला पाया.
बैठक के बाद क्या बोले किसान नेता गुरनाम चढूनी, सुनिए
इस बैठक में मौजूद रहे किसान नेता अभिमन्यु सिंह ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सामने सभी मांगें रखी थी, लेकिन बैठक में किसी भी मांग पर सहमति नहीं बन सकी. यह बैठक पूरी तरह से बेनतीजा रही इसीलिए अब हम संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाने जा रहे हैं जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. ये बैठक 3 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली जिसमें कई आला अधिकारी भी मौजूद थे. बैठक में हर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई, लेकिन किसी मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी.
गौरतलब है कि सरकार द्वारा तीन कृषि कानून निरस्त करने के बाद भी किसान आंदोलन लगातार जारी है. किसान आंदोलन को लेकर अभी तक आखिरी फैसला नहीं हुआ है. संयुक्त किसान मोर्चा सहित पंजाब और हरियाणा के किसान संगठनों की बैठकों का दौर भी लगातार जारी है. बीते बुधवार को ही हरियाणा के 26 किसान संगठनों ने भी सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर बैठक की थी. इस बैठक के खत्म होने के बाद किसान नेता मंदीप सिंह ने कहा था कि जब तक किसानों की सभी मांगें पूरी नहीं हो जाएगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यह कहा गया है कि यदि सरकार लिखित में हमारी मांगों को लेकर आश्वासन दे, तो आंदोलन खत्म हो सकता है.
वहीं कुंडली बॉर्डर पर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों ने भी बैठक की थी. इस बैठक के बाद किसान नेता सतनाम सिंह वने कहा था कि केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा से एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की कमेटी के लिए पांच नाम मांगे हैं. साथ ही गृह मंत्रालय ने सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का प्रस्ताव भेजा है. सतनाम सिंह ने कहा कि 1 व 4 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठके होंगी. जिसमें आंदोलन को खत्म करने को लेकर फैसला लिया जा सकता है. फिलहाल सरकार ने हमारी सभी मांगें मान ली हैं. हालांकि सतनाम सिंह के बयान के बाद पंजाब की 32 जत्थेबंदियों और संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि आंदोलन खत्म नहीं हो रहा है. जब तक सरकार लिखित में हमारी मांगों को लेकर आश्वासन नहीं देती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. अब 4 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होनी है.