हिंदू महापंचायत में हरियाणा सरकार को एक महीने में गो-तस्करी और गोवध समाप्त करने का अल्टीमेटम

गोरक्षकों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लेने और उन्हें शस्त्र लाइसेंस देने समेत कई मांग की गई.

Update: 2022-05-10 10:36 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :हरियाणा के नूंह ज़िले में 'हिंदू महापंचायत' का आयोजन किया गया था, जिसमें गोरक्षकों के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को वापस लेने और उन्हें शस्त्र लाइसेंस देने समेत कई मांग की गई. यह महापंचायत नूंह में उन घटनाओं के बीच बुलाई गई थी, जिसमें कथित तौर पर गोरक्षकों के समूहों ने मुस्लिम युवकों को पीटने के साथ उनका अपहरण कर उन पर मवेशियों की तस्करी और वध करने का आरोप लगाया गया था.हरियाणा के नूंह जिले के सांगेल गांव में 8 मई को आयोजित एक 'हिंदू महापंचायत' ने गो-तस्करी के मामलों की सुनवाई के लिए एक विशेष त्वरित अदालत के गठन करने के अलावा गोरक्षकों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लेने और उन्हें शस्त्र लाइसेंस देने समेत कई मांग की गई.

महापंचायत में कथित तौर पर विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और गोरक्षा दल के सदस्यों ने हिस्सा लिया. बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से मेवात में गो-तस्करी और गोवध की समस्या को एक महीने के अंदर समाप्त करने का 'अल्टीमेटम' दिया गया.महापंचायत के भागीदारों ने मांग की कि पशु तस्करी के सभी मामलों की सुनवाई एक त्वरित अदालत में की जाए. उन्होंने गो-तस्करी और गोवध में शामिल लोगों की संपत्तियों की कुर्की और नीलामी की भी मांग की.सोहना निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक संजय सिंह को सौंपे गए मांग-पत्र में महापंचायत ने गोरक्षकों के खिलाफ सभी एफआईआर रद्द करने की भी मांग की है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, महापंचायत में शामिल लोगों मांग उठाई कि मामले की जांच के लिए जिलास्तरीय कमेटी का गठन किया जाए, गो-तस्करों के वाहनों और संपत्ति को जब्त और नीलाम की जाए तथा उससे होने वाली आय को गोशालाओं को दी जाए, इन मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जाए, इसके अलावा गोरक्षकों के लिए शस्त्र लाइसेंस दिया जाना चाहिए और गोरक्षकों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस ली जानी चाहिए.शामिल लोगों ने कहा, 'अगर इन मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम 'जेल भरो' आंदोलन के लिए तैयार हैं. हमने एक आंदोलन शुरू किया है और तब तक नहीं रुकेंगे जब तक गोहत्या पूरी तरह से बंद नहीं हो जाती.'
सभा में कथित तौर पर बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और गोरक्षा दल के सदस्य शामिल थे.नूंह के उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि अधिकारियों ने महापंचायत के आयोजकों को इस शर्त पर इकट्ठा होने की अनुमति दी थी कि कानून-व्यवस्था बनी रहनी चाहिए.सभा की अनुमति के लिए दी गईं शर्तों में से एक यह थी कि किसी भी हथियार की अनुमति नहीं थी. फिर भी कुछ रिपोर्टों के अनुसार, कम से कम तीन लोगों को बंदूकें और कई अन्य को तलवारें और और फरसा ले जाते देखा गया.
सोहना के भाजपा विधायक संजय सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह महापंचायत की मांगों और ज्ञापन को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को देंगे.सभा को संबोधित करते हुए संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के कानूनी सलाहकार कुलभूषण भारद्वाज ने धमकी दी कि अगर गोरक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, तो वे यह सुनिश्चित करेंगे कि मौजूदा सरकार फिर से सत्ता में न लौट पाए.उन्होंने कहा, 'यह पूछा जा रहा है कि लोग हथियार क्यों लहरा रहे थे. मैं प्रशासन से कहना चाहता हूं कि आज ये गोभक्त केवल उपस्थिति दर्ज कराने आए हैं, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम इन हथियारों को जंग नहीं लगने देंगे. हम लड़ेंगे.'
मालूम हो कि फिरोजपुर झिरका निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस विधायक मम्मन खान की 'गोरक्षकों' के खिलाफ टिप्पणी के जवाब में महापंचायत बुलाई गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अवैध गतिविधियों में लिप्त गोरक्षकों को जिले के गांवों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.रिपोर्ट के मुताबिक, खान ने कहा था, 'हमने प्रशासन से कहा है कि हम इन लोगों को हमारे गांवों में घुसने और लोगों का अपहरण करने को बर्दाश्त नहीं करेंगे.'खान का यह बयान नूंह में हाल की कई घटनाओं के बाद आया था, जिसमें गोरक्षकों के समूहों ने मुस्लिम पुरुषों को पीटा और अपहरण कर लिया था और उन पर मवेशियों की तस्करी और वध करने का आरोप लगाया था.बीते 23 अप्रैल को नूंह के शेखपुर गांव के निवासी साहिब हुसैन पर कथित तौर पर पिस्तौल से लैस 20-25 गोरक्षकों के एक समूह ने हमला किया था.


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