ऐतिहासिक रानी की छतरी का दीदार नहीं कर पा रहे पर्यटक

Update: 2023-06-16 07:36 GMT

रेवाड़ी न्यूज़: शहर की ऐतिहासिक धरोहर रानी की छतरी और शाही तालाब का जीर्णोद्धार होने के बावजूद भी पर्यटक दीदार नहीं कर पा रहे. करीब पौने दो करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी यह सूनी पड़ी है. पुरातत्व विभाग की तरफ से यहां काम पूरा नही किया गया है. इस वजह से गेट पर ताला लगा रहता है.

रानी की छतरी के जीर्णोद्धार का कार्य इंटक ने वर्ष 2010 में शुरू कराया था,लेकिन सरकार बदलने के बाद छतरी और शाही तालाब का जीर्णोद्धार दोबारा वर्ष 2018 में शुरू हुआ जो 2023 में पूरा हुआ. इसका अवलोकन प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2 मार्च 2023 को परिवहन एवं उच्चतर शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा की मौजूदगी में किया था. मौजूदा में स्थिति यह है कि

रानी की छतरी का हमेशा ताला लगा रहता है और शाही तालाब गंदगी से भरा रहता है. देखभाल करने वाला भी कोई नहीं है. कुछ समय पहले तक सरकार की मंशा थी कि नेशनल हाईवे की ओर से इसका गेट खुलवाया जाएगा और यहां एक कॉफी सेंटर बनाया जाएगा, ताकि नेशनल हाईवे से गुजरने वाले पर्यटक इस ऐतिहासिक धरोहर हो देख सकें. इधर, एम्स के इंजीनियरिंग विभाग ने छतरी व तालाब के सामने हाईवे की ओर दीवार लगा दी. अब हाईवे की ओर से छतरी व तालाब के दीदार नहीं हो सकते हैं.

रानी की छतरी में फर्श पर लाल पत्थर सहित अन्य काम किए जाने हैं. जिसका प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है. टूरिज्म विभाग के साथ मिलकर मौके पर कैफे हाउस तरीके का खोला जाएगा. ताकि पर्यटकों को मौके पर चाय-पानी आसानी से मिल सकें.

-वेदपाल, सहायक कंजरवेटर, पुरातत्व विभाग,हरियाणा

बल्लभगढ़ के राजा नाहर सिंह 1857 की क्रांति के अग्रणी पंक्ति के योद्धा थे. उनका महल आज भी उनकी वीर गाथा बताता है. उनकी रानी शाही तालाब में स्नान करने के बाद छतरी के ऊपर पूजा किया करती थी. राजा नाहर सिंह को अंग्रेजों ने 9 जनवरी 1858 को दिल्ली के लाल कुआं चौक पर फांसी पर लटकाया था.

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