नहर किनारे ग्रीन बेल्ट को कचराघर बनाया जा रहा

Update: 2023-04-10 11:27 GMT

हिसार न्यूज़: कचरा खपाने वाले लोग आगरा नहर किनारे ग्रीन बेल्ट(हरित पट्टी) को कचरा घर बनाने पर तुले हैं. दिल्ली बॉर्डर से लेकर आईएमटी तक यहां हर रोज कचरा फेंका जा रहा है. इस कचरे में आरोपी आग भी लगा देते हैं. इससे यह कचरा पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है. यूपी सिंचाई विभाग और स्थानीय प्रशासन की जानकारी में मामला होने के बावजूद माफिया पर अंकुश नहीं लग पा रहा है.

बदरपुर बॉर्डर से लेकर आईएमटी पुल तक करीब 27 किलोमीटर का एरिया है. इससे आगे फरीदाबाद जिले में 11 किलोमीटर का एरिया और है. यह प्रहलादपुर पुल तक है. इस कचरा फेंकने वाले माफिया की नजर शहरी इलाके में हैं. यह कचरे को तय जगह पर न फेंककर आगरा नहर किनारे ग्रीन बेल्ट में फेंका जाता है. यहां पर प्लास्टिक, कपड़े, मलबा और कई बार कूड़ा भी फेंका जाता है. कचरा फेंकने वाले कुछ लोग इस कूड़े में आग लगा देते हैं. कूड़े में धीरे-धीरे आग लगती रहती है. इससे यहां से निकलने वाले राहगीरों को परेशानी झेलनी पड़ती है. कचरे में आग लगने से यहां धुए के साथ-साथ दुर्गंध भी फैलती है. यह कूड़ा चंदावली पुल के पास, आईएमटी पुल से तिगांव पुल के बीच, सेक्टर-75 पुल से बीपीटीपी पुल, बीपीटीपी पुल से सेक्टर-29 पुल के बीच ज्यादा कचरा फैला हुआ है. खेड़ी पुल से पल्ला के भी हालात खराब हैं. न्

यह बात सही है कि नहर किनारे की जमीन पर कचरा फेंकने के साथ-साथ नहर में सीवर भी डाला जा रहा है. इस बारे में पुलिस को पहले भी शिकायत दी गई थी. अब फिर से शिकायत दी जाएगी.

-ब्रजकिशोर, एसडीओ, यूपी सिंचाई विभाग

नजर रखने के लिए सिर्फ दो कर्मचारी

यूपी सिंचाई विभाग फरीदाबाद जिले में 36 किलोमीटर से ज्यादा का एरिया है. इस पूरे एरिया पर नजर रखने के लिए सिर्फ दो कर्मचारी हैं. विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस वजह से सिंचाई विभाग की जमीन पर पूरी निगरानी रखने में समस्या आ रही है. विभाग ने इस टैंकर माफिया और कबाड़ा डालने वालों के खिलाफ पुलिस को भी शिकायत दी गई है, लेकिन टैंकर माफिया और कचरा फेंकने वाले इस माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

सीवर टैंकर भी खाली कर रहे

टैंकर माफिया आगरा नहर में सीवर के टैंकर खाली कर रहा है. सीवर टैंकर कभी आईएमटी पुल से आगरा नहर में खलते नजर आते हैं तो कभी खेड़ी पुल से लेकर बीपीटीपी पुल तो कभी बीपीटीपी पुल से सेक्टर-75 पुल के बीच. माफिया अपने टैंकर से सीवर को खलाने के लिए नहर की दीवार को भी तोड़ देता है. इसी वजह से आगरा नहर की दीवार करीब 50 जगह से टूटी हुई है.

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