सरकार पर लगाया बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप, चिराग योजना के विरोध में सड़कों पर उतरे अध्यापक संगठन

Update: 2022-07-27 05:06 GMT
चरखी दादरी: मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा लाई जा रही चिराग योजना के विरोध में शिक्षक तालमेल कमेटी द्वारा सडक़ों पर उतरते हुए रोष प्रदर्शन (Protest against Chirag Yojna 2022 In Charkhi Dadri) किया. इस दौरान अध्यापकों ने सरकार पर उनके व विद्यार्थियों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया. साथ ही तीन सालों से बिना पुस्तकों के पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों को पुस्तकें उपलब्ध करवाने की मांग की.दादरी के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिक्षक तालमेल कमेटी आह्वान पर संयोजक राजेश सांगवान की अगुवाई में शिक्षक संगठनों के सभी पदाधिकारियों के अलावा सैंकड़ों अध्यापकों ने एकजुट होते हुए चिराग योजना का विरोध करने का निर्णय लिया. शिक्षक कमेटी ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की.अध्यापकों ने सरकार पर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विद्यार्थियों को टैब देकर उनके भविष्य को खराब किया जा रहा है. टैब में कई प्रकार की एप डाउनलोड कर बच्चे संस्कारहीन हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को दिए गए टैब वापिस लेकर सरकार उन्हें किताबें उपलब्ध करवाए.अध्यापकों ने प्रदर्शन के बाद अध्यापकों ने लघु सचिवालय पहुंचकर सीटीएम नरेंद्र कुमार को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा. बाद में रणनीति बनाते हुए निर्णय लिया कि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो प्रदेशभर के अध्यापक सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन चलाएंगे. शिक्षक तालमेल कमेटी संयोजक राजेश सांगवान व संजय शास्त्री ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए कहा कि करनाल में अध्यापकों के साथ अन्याय किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार ने चिराग योजना (Haryana CHEERAG Scheme) वापिस नहीं ली तो सड़कों पर आकर प्रदेश भर में आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.क्या है चिराग योजना- बता दें कि हरियाणा सरकार ने नए शिक्षा सत्र में नियम-134ए को खत्म कर उसकी जगह पर चिराग योजना की शुरुआत की ( (Chirag Yojana 2022) है. इस योजना के तहत एक लाख 80 हजार रुपये से कम सालाना आय वाले परिवारों के जो बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं. अगर वे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें दूसरी से बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त दिलाई जाएगी. सरकार द्वारा ऐसे बच्चों की फीस निजी स्कूल संचालकों को दी जाएगी. सरकार की मंशा है कि कम आय वाले बच्चे भी निजी स्कूलों में मुफ्त में पढ़ाई कर सकें.योजना के फर्स्ट फेज में क्लास 2 से 12 वीं तक के करीब पचीस हजार छात्रों को कवर किया जाएगा. इसका लाभ सिर्फ हरियाणा के छात्र और छात्राएं ही ले सकते हैं. सरकार ने निजी स्‍कूलों को इस योजना के तरह प्रवेश देने की अनुमति दे दी है. निदेशालय की ओर से इस योजना के ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन के लिए अंतिम तिथि 21 जुलाई तय की थी, हालांकि बाद में इसे आगे बढ़ा दिया गया.
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