Chandigarh,चंडीगढ़: भारत में करीब 30 मिलियन लोग कोरोनरी धमनी रोग से पीड़ित हैं। जल्द ही देश में हृदय संबंधी बीमारियों के मामले दुनिया में सबसे ज़्यादा होंगे। लिवासा अस्पताल, मोहाली में कार्डियक साइंसेज के चेयरमैन और डीन एकेडमिक्स डॉ. एच.के. बाली ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, "35 साल से ज़्यादा उम्र के पुरुषों में दिल के दौरे के मामले में भारत दुनिया में सबसे आगे है। अगले दशक तक भारत में हृदय संबंधी बीमारियां मृत्यु और विकलांगता का सबसे बड़ा कारण बनने जा रही हैं। दिल की बीमारियों से पीड़ित लोगों की औसत आयु कम होती जा रही है और हमें 25 साल की उम्र में ही दिल के दौरे के मरीज मिल रहे हैं, जो एक चिंताजनक प्रवृत्ति है।"
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीप्तिमान कौल ने कहा कि, "भारत में संक्रामक बीमारियों की जगह दिल की बीमारियों ने सबसे बड़ी जानलेवा बीमारी के रूप में ले ली है। हाल ही में आए आंकड़ों के अनुसार, शहरी आबादी का लगभग 30 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में रहने वाली 15 प्रतिशत आबादी उच्च रक्तचाप और दिल के दौरे से पीड़ित है। जैसे-जैसे दिल की बीमारियों के जोखिम कारक बढ़ते हैं, वैसे-वैसे मृत्यु दर भी बढ़ती है।" विशेषज्ञ जीवनशैली में बदलाव को भी युवाओं में दिल की बीमारियों के प्रति संवेदनशील होने का एक कारण मानते हैं। डॉ. बाली ने बताया, "युवा अपनी अस्वस्थ जीवनशैली के कारण कोरोनरी धमनी रोग से पीड़ित हैं और अगर यह जारी रहा तो भविष्य और भी खतरनाक हो सकता है।"