स्मार्ट सिटी के पार्कों का हाल बजट के अभाव में बेहाल

Update: 2023-04-28 11:27 GMT

फरीदाबाद न्यूज़: शहर में सोसाइटियों को बेहतरीन बनाने के लिए तो काम किया जा रहा है लेकिन उनमें बनाए गए पार्क बदहाल पड़े हुए हैं. स्मार्ट सिटी में पार्कों की स्थिति खराब होती जा रही है, आलम ये है कि पार्कों में लोगों की बजाय सुबह लावारिस पशु विचरण करते हैं. जगह-जगह कूड़े और गंदगी के ढेर लगे हुए हैं, इससे स्थानीय निवासियों को काफी परेशानी हो रही है.

शहर के कुल 717 पार्कों में से 384 के रखरखाव की जिम्मेदारी आरडब्ल्यूए को दी गई है. पार्कों की साफ-सफाई से लेकर माली के खर्च को आरडब्ल्यूए स्वयं वहन कर रही है. आरडब्ल्यूए के पार्कों को छोड़ दिया जाए तो नगर निगम के पार्क इन दिनों बदहाली की कगार पर हैं, निगम अधिकारियों द्वारा सुनवाई नहीं करने के कारण पार्कों में गंदगी, टूटी बाउंड्री, बंद लाइट सहित अन्य समस्या उत्पन्न हो गई है.

लोगों की मानें तो सुबह शाम असामाजिक तत्वों का पार्क में डेरा रहता है, जिससे महिलाएं वहां घूमने के लिए नहीं जा पा रही हैं. पार्कों की साफ-सफाई और देखभाल नहीं होने के कारण पौधों को पानी देने के लिए लगाए गए ट्यूबवेल सूखने लगे हैं, बार-बार शिकायत के बाद भी अधिकारी समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

पार्कों में पशु करते हैं आराम जिले के पार्कों की बदहाली के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी ही स्थिति ओल्ड फरीदाबाद मीट मार्केट के पास बनेे पार्क की है. स्थानीय निवासी रवि वर्मा, साहिल और शुभम सिंह ने बताया कि करीब एक एकड़ में फैले पार्क की स्थिति बेहद खराब है. वहीं लाखों की लागत से बनाए गए जिम उपकरणों का इस्तेमाल लोगों की बजाय लावारिस पशु करते हैं, कई बार ये सींग मारकर उपकरणों को तोड़ भी देते हैं, इनके भय के कारण स्थानीय निवासी सुबह शाम पार्कों में घूमने के लिए नहीं जा पा रहे हैं. इसके अलावा एनआईटी, ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ के पार्कों की स्थिति भी खराब बनी हुई है. सोसाइटी में बने पार्क की इन समस्याओं के बारें में कई बार अधिकारियों को बताया गया लेकिन उनकी ओर से कोई भी कार्रवाई नहीं की गई.

आरडब्ल्यूए को समय पर फंड नहीं मिलता

● सेक्टर 21 आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष महेंद्र शर्मा ने बताया कि उनके सेक्टर में कुल 9 पार्क हैं जिनमें कुछ पार्क दो एकड़ से भी अधिक बड़े हैं. इसके लिए उन्हे प्रतिमाह नगर निगम से 84 हजार रुपये देख-रेख का फंड मिलता है लेकिन पार्कों की देख-रेख का खर्च डेढ़ लाख रुपये से भी अधिक आता है. वहीं छह-छह महीने बीत जाने पर भी निगम भुगतान फंड नहीं देता है.

● सेक्टर 9 आरडब्ल्यू के अध्यक्ष अजय भाटिया ने बताया कि उनकी आरडब्ल्यूए के पास 7 पार्क है. यह पार्क पहले हुडा के पास थे जिसके बाद निगम को दिए गए थे. निगम ने इनकी देखरेख का जिम्मा आरडब्ल्यूए को दिया है. इन पार्कों की देखरेख के लिए निगम एक लाख रुपये महीने की रकम देता है लेकिन अगस्त 2022 के माह तक का ही देखरेख फंड ही उन्हे दिया गया है.

पार्कों की स्थिति में सुधार का काम चल रहा है. नगर निगम ने पार्कों को चिह्नित किया है. ओल्ड फरीदाबाद के लोगों को भी जल्द राहत मिलेगी.

-सुशील कुमार, कार्यकारी अभियंता

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