सांसे पड़ रहीं कम, शहर की हवाओ में घुला जहर, कैथल में 307 तक पहुंचा AQI

Update: 2023-10-07 12:11 GMT
कैथल। शहर की हवाओं में अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में ही जहर घुल गया है। जिसकी गुणवत्ता इतनी खराब हो चुकी है कि प्रदेश में फरीदाबाद के बाद कैथल जिला अब पहले नंबर पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि अभी धान का सीजन शुरू ही हुआ है। इसीलिए पराली जलाने के भी ज्यादा मामले नहीं हैं। इसके साथ ही अभी तक शहर के आसपास के सभी राइस मिले भी बंद हैं, फिर भी शहर की हवा की गुणवत्ता इतनी खराब होना चिंताजनक है।
बता दें कि बुधवार को शहर की हवा की गुणवत्ता का स्तर 170 था। उसके अगले दिन वीरवार को यह स्तर बढ़कर 299 तक पहुंच गया है। वहीं आज जिला सचिवालय में लगी एयर क्वालिटी इंडेक्स डिस्प्ले में एक्यूआई 307 दिखाया जा रहा है, जो नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के अनुसार बहुत कमजोरी की श्रेणी (रेड जॉन) में आता है। 300 से ऊपर जाते ही लोगों को परेशानी होनी शुरू हो जाती है। सांस और दमा के मरीजों के लिए बहुत यह खतरनाक है।
वहीं इस मामले पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी पल्ला झाड़ रहे हैं। इसे टेक्निकल प्रॉब्लम बता रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि डिस्प्ले हर 15 मिनट में अपने आंकड़े बदलती रहती है। किसी टेक्निकल प्रॉब्लम की वजह से यह आंकड़े दिखाई दे रहे हैं, जबकि हमारी टीम की पड़ताल में सामने आया की सुबह से लेकर दोपहर तक सचिवालय में लगी डिस्प्ले पर एक्यूआई का 307 ही आंकड़ा दिखाया जा रहा था। इसके साथ ही सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स डेटा अनुसार प्रदेश में फरीदाबाद का एक्यूआई 302 है। जिला सचिवालय में लगी डिस्प्ले अनुसार कैथल में एक्यूआई 307 दिखाया जा रहा है।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी पूनम शांडिल्य से बात की तो उन्होंने बताया की कैथल का एक्यूआई इस समय 173 है, जोकि येलो जोन में है। नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स की साइट है वही आधिकारिक तौर पर सही है। उनका कहना है कि सचिवालय में लगा डिस्प्ले सिर्फ 15 मिनट का ही डेटा दिखाता है। शहर की वायु गुणवत्ता को लेकर विभाग पूरी तरह से सचेत है। इस लिए आज उनके विभाग के चेयरमैन भी मीटिंग लेने कैथल पहुंचे हुए थे।
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