बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में सजा माफ

Update: 2023-05-23 09:20 GMT

चंडीगढ़ न्यूज़: सुप्रीम कोर्ट ने छह साल की बच्ची से दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के आरोपी की बंबई हाईकोर्ट से मिली मौत की सजा को माफ कर उसे साफ बरी कर दिया. कोर्ट ने फैसले में कहा कि आरोपी के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं है और पुलिस की जांच में तमाम खामियां हैं.

तीन जजों की पीठ में जस्टिस संजय करोल ने फैसला देते हुए कहा कि पुलिस अपनी जांच का आधार उसके डीएनए टेस्ट को बनाया है और यह डीएनए सैंपल भी आरोपी से एक महीने से ज्यादा दिनों के बाद लिया गया था. ये सैंपल भी किसने लिया यह नहीं बताया गया. एफएसएल जांच के लिए अन्य सैंपल भी देरी से भेजे गए.

इसका जवाब भी पुलिस ने रिपोर्ट में नहीं दिया. पुलिस की रिपोर्ट में यह नहीं था कि सैंपल मेडिकल स्टाफ ने लिया या पैरामेडिकल स्टाफ ने. वहीं, इस केस में जांच अधिकारी भी छह बार बदला गया, लेकिन उसके बारे में रिपोर्ट में कोई कारण नहीं बताया गया. पुलिस ने झनक केवट को सिर्फ इसलिए पकड़ा कि वह बगलवाली चाल में ही रहता था. इस चाल में उसके और भी दो साथी रहते थे. पुलिस ने उनसे कोई पूछताछ नहीं की. पीठ ने कहा कि पूरी स्टोरी में पुलिस कड़ियां जोड़ने में विफल रही है.

मामला संगीन था पीठ ने कहा कि मामला इतना संगीन था, लेकिन पुलिस ने इसकी जांच उचित प्रकार से नहीं की. कोर्ट ने कहा कि सबूतों के अभाव में केवट को छोड़ा जाता है, यदि वह किसी और केस में वांछित नहीं है तो उसे बरी किया जाए. बच्ची की लाश एक नाले से बरामद हुई थी. पोस्टमार्टम जांच में पता चला कि उसके साथ ज्यादती करने के बाद उसे मार दिया गया था.

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