रतनलाल कटारिया ने कहा- कोविड-19 टीकाकरण अभियान में 15 साल से अधिक उम्र की 85% आबादी को दूसरी खुराक दी जा चुकी
रतनलाल कटारिया ने कहा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में दुनिया का सबसे बड़ा सबसे तेज और मुफ्त कोविड-19 टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चलाए जाने के परिणामस्वरूप भारत में 40 लाख लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाया गया है l इसका खुलासा विश्व में संक्रमण के परिणाम स्वरूप होने वाली बीमारियों का अध्ययन करने वाली संस्था लांसेट ने किया l
रतनलाल कटारिया ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सबसे तेज और मुक्त कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहा है। इस दौरान हमारे स्वास्थ्य कर्मियों, प्रशासन और अन्य हित धारको ने विभिन्न चुनौतियों का सामना किया लेकिन इसके बावजूद हमने इस टीकाकरण अभियान के दौरान कई मील के पत्थर हासिल किए हैं, और कुछ सबसे कठिन इलाकों और क्षेत्रों में सफलतापूर्वक कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को चलाया है। इस कार्यक्रम के परिणाम स्वरूप अब देश की 96 प्रतिशत वयस्क आबादी को कोविड वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। ऐसे ही 15 वर्ष से अधिक उम्र की पात्र 85 प्रतिशत आबादी को दूसरी खुराक दी जा चुकी है।
कटारिया ने कहा कि इन प्रयासों और हमारी इच्छा शक्ति के कारण देश में कोविड-19 वैक्सीन खुराको की संख्या 7 मई को 200 करोड़ को पार कर गई है l अब तक 12-14 वर्ष की आयु के 3.01 करोड़ से अधिक बच्चों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। इसके अतिरिक्त स्वास्थय कर्मियों,अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगो को 2.63 बिलियन से अधिक एहतियाति खुराक दी गई हैं।
कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने हाल ही में राज्य के सभी मुख्यमंत्रियों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोविड-19 स्थिति और टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक ली है l उन्होंने कहा है कि हमें अभी तक रहने की बहुत जरूरत है। क्योंकि अभी माहामारी से सम्बंधित चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई है। रतन लाल कटारिया ने कहा कि हमारी प्राथमिकता सभी बच्चों को जल्द से जल्द टीकाकरण कराना है। इसके लिए पहले की तरह स्कूलों में भी विशेष अभियान चलाने की जरूरत होगी शिक्षकों और अभिभावकों को इसके बारे में जानकारी होना चाहिए रक्षा कवच प्रदान करने के लिए देश के सभी वर्गों के लिए एहतियाती खुराक उपलब्ध हैं।
source: Punjab Kesari