पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने पत्नी की याचिका की खारिज, कहा- हत्यारे को वंश वृद्धि के लिए नहीं दी जा सकती अनुमति

जेल में सजा काट रहे कातिल की पत्नी द्वारा वंश वृद्धि के लिए वैवाहिक संबंध स्थापित करने की अनुमति के लिए दाखिल की गई याचिका को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है।

Update: 2022-01-28 06:13 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जेल में सजा काट रहे कातिल की पत्नी द्वारा वंश वृद्धि के लिए वैवाहिक संबंध स्थापित करने की अनुमति के लिए दाखिल की गई याचिका को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि उसके पति को हत्या के मामले में दोषी करार देकर उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 2018 से उसका पति गुरुग्राम की भोंडसी जेल में है और याचिकाकर्ता की कोई संतान नहीं है। ऐसे में उसे व उसके पति को वंश वृद्धि केलिए संबंध बनाने की अनुमति दी जाए।

हरियाणा सरकार ने इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि याची के पति को हत्या के मामले में दोषी करार दे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है और हत्या के अन्य मामले भी उस पर विचाराधीन हैं। इस तरह केजघन्य अपराध के आरोपी को इस तरह की छूट नहीं दी जा सकती। इसके साथ ही हाईकोर्ट को बताया गया कि हरियाणा सरकार के जेल विभाग हरियाणा ने कैदियों को वैवाहिक संबंध स्थापित करने और फैमिली विजिट की व्यवस्था लिए विशेष पैरोल की अनुमति का फैसला लिया है।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के रिटायर जज एचएस भल्ला की अध्यक्षता में जेल सुधार समिति गठित की है। समिति जेल के कैदियों के लिए वैवाहिक संबंध स्थापित करने व फैमिली विजिट की व्यवस्था तैयार करने के साथ ही यह भी तय करेगी कि कौन से कैदी इसके लिए पात्र हैं और कौन से नहीं। समिति अपना कार्य पूरा करने के बाद सरकार को सिफारिश भेजेगी। साथ ही यह भी देखा जाएगा कि पति और पत्नी दोनों के जेल में होने की स्थिति में क्या व्यवस्था की जा सकती है। याची के पति के संदर्भ में सरकार ने कहा कि याची का पति भले ही आदतन खूंखार अपराधी है, लेकिन वह वैवाहिक संबंध स्थापित करने के लिए आवेदन कर सकता है। समिति की सिफारिश के बाद उसके आवेदन पर निर्णय लिया जाएगा।
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