सोनीपत जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी

मवेशियों में फैल रहे संक्रामक लंपी रोग के मद्देनजर हरियाणा के जींद और सोनीपत जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है

Update: 2022-08-21 09:01 GMT

मवेशियों में फैल रहे संक्रामक लंपी रोग के मद्देनजर हरियाणा के जींद और सोनीपत जिलों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी गई है. वायरस के संक्रमण से होने वाली इस बीमारी में मवेशियों के चमड़े के नीचे गांठें बन जाती हैं और उनमें बुखार जैसे कई लक्षण नजर आने लगते हें.

जींद तथा सोनीपत जिला प्रशासनों द्वारा जारी निषेधाज्ञा के तहत पशु मेलों पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गई है, वहीं जिले के बाहर से मवेशियों को चराने आने वाले चरवाहों और ग्वालों के आवागमन पर भी रोक लगा दी गई है. प्रशासन ने बीमारी से या अन्य किसी वजह से मरने वाले मवेशियों की खाल (चमड़ी) उतारने पर भी पूर्ण रोक लगा दी है
जिला प्रशासन ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सभी गौशालाओं और मवेशियों के रहने की जगहों पर फॉगिंग करवाने का निर्देश दिया है. जींद में इस वक्त 358 मवेशी लंपी रोग से ग्रस्त हैं और पशुपालन विभाग इस बीमारी से निपटने के लिए टीकाकरण पर पूरा ध्यान दे रहा है.




हरियाणा के पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि प्रदेश के 14 जिले लंपी स्किन वायरस से प्रभावित हैं और राज्यभर में लगभग 87 गायों की इस बीमारी से मृत्यु हो चुकी है. उन्होंने पिछले हफ्ते राज्य विधानसभा को सूचित किया था कि प्रदेश में पशुओं में लंपी त्वचा रोग के प्रसार को रोकने के लिए सरकार मवेशियों का सामूहिक टीकाकरण करेगी, उनकी आवाजाही को रोका जाएगा तथा पशु मेलों पर पाबंदी लगाई जाएगी.


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