हरियाणा में वर्ष 2017 में लगे 1259 जूनियर बेसिक ट्रेंड शिक्षकों को हटाने की तैयारी

मामला हाई कोर्ट में जाने के बाद अब राज्य कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) संशोधित रिजल्ट तैयार करने में जुटा है। तब तक रेडियोग्राफरों की ज्वाइनिंग पर रोक लगा दी गई है।

Update: 2022-07-22 11:52 GMT

हरियाणा में जहां वर्ष 2017 में लगे 1259 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) शिक्षकों को हटाने की तैयारी है, वहीं वर्ष 2019 में शुरू हुई रेडियोग्राफर की भर्ती प्रक्रिया भी लटक गई है। क्लर्कों के रिजल्ट की तर्ज पर अब रेडियोग्राफर के परिणाम को भी संशोधित किया जाएगा, क्योंकि विज्ञापन में निर्धारित शैक्षिक योग्यता को भर्ती प्रक्रिया के बीच में ही बदल दिया गया।

मामला हाई कोर्ट में जाने के बाद अब राज्य कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) संशोधित रिजल्ट तैयार करने में जुटा है। तब तक रेडियोग्राफरों की ज्वाइनिंग पर रोक लगा दी गई है। एचएसएससी ने सितंबर 2019 में रेडियोग्राफर के 197 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे। इसमें उम्मीदवार के लिए शैक्षिक योग्यता भौतिक एवं रसायन विज्ञान के साथ दसवीं पास और रेडियोग्राफर का डिप्लोमा रखी गई।
इसके अलावा दसवीं तक हिंदी या संस्कृत अनिवार्य थी। पिछले साल 17 जुलाई को लिखित परीक्षा के बाद 16 अगस्त को लिखित परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया गया था। दस्तावेजों की जांच के बाद विगत आठ मार्च को अंतिम परिणाम भी घोषित कर दिया गया, लेकिन इसमें पेंच फंस गया है।
आरोप है कि विभाग द्वारा भर्ती प्रक्रिया के बीच में ही सेवा नियमों में बदलाव करते हुए 24 अगस्त 2021 को रेडियोग्राफर के लिए शैक्षिक योग्यता बदलकर बारहवीं कर दी गई। इसके अलावा रेडियोग्राफी में बीएससी नियमित की डिग्री अनिवार्य कर दी गई। इसी आधार पर कुछ उम्मीदवारों ने भर्ती को हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
हाई कोर्ट के निर्देश पर एचएसएससी ने दोबारा दस्तावेज जांचे तो 677 में से 410 आवेदक योग्य मिले, जबकि पहली बार घोषित परिणाम में 326 उम्मीदवार पात्र मिले थे। इनमें भी कई आवेदकों ने दूरस्थ शिक्षा से पढ़ाई की थी, जिससे वह भर्ती की दौड़ से बाहर हो गए।
आयोग ने इस पर विभाग से स्पष्टीकरण मांगा तो विभाग की ओर से कहा गया कि चूंकि भर्ती विज्ञापन के बाद सर्विस रूल्स बदले गए हैं, इसलिए इन भर्तियों में पुराने नियम लागू होंगे। इसके आधार पर कर्मचारी चयन आयोग को संशोधित रिजल्ट तैयार करना पड़ेगा। हालांकि इसके लिए पहले हाई कोर्ट से मंजूरी लेनी पड़ेगी।


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