बहादुरगढ़ | जाको राखे साइयां, मार सके ना कोए, यह कहावत एक बार फिर से बहादुरगढ़ में सही साबित होती दिखाई दी। दरअसल बहादुरगढ़ में किसी कलयुगी मां ने अपनी ही नवजात बच्ची को मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दिया। लेकिन समय रहते बच्ची के रोने की आवाज सुनकर ऑटो चालक ने डायल 112 पर फोन करके पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए पीजीआई रोहतक भेजा गया है। बच्ची के पैर में हल्की चोट आई है। फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक मामला बहादुरगढ़ के जाख़ौदा गांव के पास स्थित किसान चौक के पास का है। जहां रात के समय करीब 10:30 बजे ऑटो चालक को झाड़ियों से बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। जिसके बाद वह बच्ची के पास पहुंचा, तो बच्ची दर्द के मारे रो रही थी। उसी दौरान ऑटो चालक ने पुलिस को घटना की सूचना दी।
थाना प्रभारी जसबीर सिंह ने बताया कि पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। पुलिस ने हाल ही में जन्मे बच्चों का रिकार्ड खंगालना शुरू कर दिया है।आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है। मगर अभी तक बच्ची के माता-पिता के बारे में पुलिस कोई जानकारी नहीं जुटा पाई है। अब देखना यह होगा कि पुलिस आखिर कब तक बच्ची के परिजनों तक पहुंच पाती है। ये भी बाद में ही पता चल सकेगा कि आखिर किन परिस्थितियों में बच्ची को ऐसे झाड़ियों में मरने के लिए फैंक दिया गया।